नई दिल्ली।। बीजेपी में मचे ‘आडवाणी ड्रामे’ का नाटकीय ढंग से अंत हो गया। आडवाणी के घर पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनकी ही गैरमौजूदगी में बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि आडवाणी ने पार्टी का फैसला मान लिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। इसकी घोषणा के तुरंत बाद ही गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ट्वीट किया कि, मैंने कल ही कहा था कि आडवाणी देश के लाखों कार्यकर्ताओं को निराश नहीं करेंगे। वह अपना इस्तीफा वापस ले लेंगे। लेकिन, इन तमाम घटनाओं के बीच अहम सवाल यह है कि आडवाणी कुछ शर्तों पर माने हैं या फिर आरएसएस के दबाव में उन्होंने घुटने टेक दिए?
सहयोगी दलों की नाराजगी बाद आखिरकार बीजेपी नेतृत्व ने आडवाणी को मना ही लिया। मीडिया में आ रही उन तमाम अटकलों को बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने मंगलवार शाम को खारिज कर दिया, जिसमें कहा जा रहा था कि अब बीजेपी आडवाणी को नहीं मनाएगी। राजस्थान में एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले राजनाथ सिंह ने कहा कि आडवाणी को मना लिया गया है।
इसके बाद राजनाथ दिल्ली पहुंचकर सीधे आडवाणी के घर गए। वहां बीजेपी के कई सीनियर नेताओं की मौजूदगी में उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आडवाणी मान गए हैं। उन्होंने पार्टी का हर फैसला मान लिया है और इस्तीफा वापस ले लिया है। उन्होंने कहा कि खुद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने उनसे बात की। मोहन भागवत के कहने पर वह माने। हालांकि, इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में आडवाणी मौजूद नहीं थे। इस पर राजनाथ ने कहा कि वह हमारे सीनियर नेता हैं। उनकी मौजूदगी में मैं प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करूं यह अच्छा नहीं लगता, इसीलिए मैंने ही उन्हें मीडिया के सामने आने से मना कर दिया। इसके पहले आरएसएस के सीनियर नेता भैयाजी जोशी ने भी मंगलवार को आडवाणी से बात की थी।
आडवाणी को मनाने के लिए क्या फॉर्म्युला तैयार किया गया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि आडवाणी बिना किसी शर्त के मान गए हैं, लेकिन कहा जा रहा है कि आडवाणी के लिए पार्टी में नई भूमिका तैयार की जाएगी। पर, यह फॉर्म्युला क्या है इसका अभी खुलासा नहीं किया गया।
इसके पहले, मंगलवार को भी बीजेपी के कई नेताओं ने आडवाणी से मुलाकात की। सबसे पहले उनसे मिलने सीनियर नेता जसवंत सिंह पहुंचे। मुलाकात के बाद जसवंत ने कहा कि आडवाणी जी ने जो सवाल उठाए हैं, उनका समाधान होना चाहिए। यही बीजेपी के हित में है और देश के भी। मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, नितिन गडकरी और मुरलीधर राव ने भी आडवाणी से मुलाकात की। रविशंकर प्रसाद कई बार आडवाणी से मिले।