केदारनाथ घाटी में मौजूद हजारों जिंदगियां कहां सिसक रही हैं किसी को नहीं मालूम। लोग भूखे-प्यासे और बीमारी से मर रहे हैं लेकिन इनका हालचाल लेने वाला कोई नहीं है।
हालांकि सेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी के हजारों जवान इन लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन रास्ते बहने से बहुत परेशानियां आ रही हैं।
बचाव कार्य में खराब मौसम भी बाधा डाल रहा है। लेकिन अब खराब मौसम से बाधित हुआ राहत और बचाव कार्य फिर से शुरू हो गया है।
गांव के गांव बहे
उत्तराखंड में तबाही का कोई ओर-छोर नहीं दिख रहा है। गांव के गांव बह जाने की सूचना मिल रही है। केदारघाटी और अन्य जगहों पर 62 हजार से ज्यादा लोग अब भी फंसे हैं। सेना और अन्य एजेंसियां राहत और बचाव अभियान में जुटी हैं, लेकिन जन-धन के भारी नुकसान के बीच फिलहाल हर कोशिश कम पड़ रही है।
केदारघाटी और अन्य जगहों पर 62 हजार से ज्यादा लोग अब भी फंसे हैं। इनमें से ज्यादातर चार दिन से भूखे हैं। सैकड़ों लोग लापता हैं। 150 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है, लेकिन मरने वालों की संख्या हजारों में होने की आशंका जताई जा रही है।