अहमदाबाद। वर्ष 2004 में हुए फर्जी एनकाउंटर मामले में सीबीआई गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके बेहद करीबी माने जाने वाले पूर्व गृहराज्य मंत्री अमित शाह को समन भेजकर पूछताछ कर सकती है। उधर इसी मामले में सीबीआई ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ नब्बे दिन के अंदर चार्जशीट दायर नहीं की है। इस वजह से इन अधिकारियों को बेल मिलने और जेल से निकलने का रास्ता भी साफ हो गया है।
इन अधिकारियों में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी जीएल सिंघल समेत कुछ अन्य नाम भी शामिल हैं जिसमें से एक नाम डीआईजी डीजी वंजारा का भी है। हालांकि वह सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मामले में भी आरोपी हैं। सीबीआई की के तय समय में चार्जशीट फाइल न करने से जो फायदा पुलिस के आला अधिकारियों को हुआ है उससे कई लोगों की भौंहें चढ़ गई हैं।
इशरत जहां मामले में सीबीआई जून के पहले सप्ताह में चार्जशीट दायर कर देगी। सिंघल इस मामले में पहले ही पुलिस सेवा से इस्तीफा दे चुके हैं। जेल में रहने के दौरान उन्होंने किसी भी तरह की सहूलियत लेने से भी इन्कार कर दिया था। मई 2011 में इस मामले में लिप्त पुलिस अधिकारियों ने सीबीआई जांच की मांग की थी