पटना।। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद एक सड़क हादसे में घायल हो गए। उनकी कार शुक्रवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गई। कार का शीशा टूटने से उनके सिर में चोट लगी। हादसे की की सूचना मिलते ही आरजेडी के प्रधान महासचिव और सांसद रामकृपाल यादव मौके पर पहुंचे और लालू को हॉस्पिटल ले गए। लालू यादव परिवर्तन रैली की तैयारियों के लिए वैशाली जिले के राघोपुर गए थे। वहां से पटना वापस लौटते समय रास्ते में यह घटना घटी जब वह एक पीपा पुल पार कर रहे थे। इस बीच गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन कर लालू प्रसाद यादव से उनका हालचाल जाना। लालू यादव को मोदी के इस फोन के बाद सियासी अटकलें भी तेज हो गई हैं।
सूत्रों के मुताबिक लालू यादव की गाड़ी का शीशा टूट गया, कांच के टुकड़े लगने से उन्हें चोटें भी आई। हादसे के तुरंत बाद उन्हें पटना के एक नर्सिंग होम में ले जाया गया। मरहम-पट्टी करने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें घंटे भर के भीतर छुट्टी दे दी। लालू ने हादसे के लिए बिहार की सड़कों को जिम्मेदार ठहराया।
लालू प्रसाद यादव ने कहा कि सड़क हादसा उनके खिलाफ कोई बड़ी साजिश का हिस्सा है। आखिर क्या कारण है कि जिस जगह से मुझे गुजरना था, वहां एक भी पुलिसवाले को तैनात नहीं किया गया था। पीपा पुल भी जर्जर है। अपने आवास पर इस पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार को चाहिए कि वह मामले की छानबीन कराए और देखे की चूक कहां रह गई।
इस बीच घटना की जानकारी मिलने के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालू प्रसाद यादव को फोन कर उनका हालचाल जाना। भले ही यह एक समान्य घटना थी, लेकिन राजनीतिक पंडित इसके पीछे के मंसूबों को खोजने में लग गए हैं।
गौरतलब है कि लालू यादव नरेंद्र मोदी के कट्टर विरोधी रहे हैं। ऐसे में मोदी का लालू को फोन करना कई मायनों में महत्व रखता है। सियासी पंडितों का कहना है कि चूंकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए में पीएम कैंडिडेट के रूप में नरेंद्र मोदी का विरोध कर रहे हैं। वह किसी भी कीमत पर मोदी को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में मोदी का लालू को फोन करने से नीतीश दबाव में आ सकते हैं। हालांकि, इस फोन कॉल का मोदी को कितना सियासी फायदा मिलेगा यह आने वाला वक्त ही बताएगा।