बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त ने टाडा कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। संजय के साथ उनकी पत्नी मान्यता, बहन प्रिया दत्त, नम्रता और महेश भट्ट पहुंचे थे।
कोर्ट परिसर में संजय दत्त के समर्थकों की भारी भीड़ थी। कोर्ट में दाखिल होने के लिए संजय को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
समर्थकों की भीड़ हटती ना देख खुद संजय ने गाड़ी से निकलकर लोगों से शांति बनाए रखने और खुद को कोर्ट रुम में जाने देने की अपील की।
इसके बावजूद भीड़ नहीं हटी और संजय को भीड़ के बीच में से ही निकलकर कोर्ट रूम पहुंचना पड़ा जेल में उन्हें लगभग 42 महीने की सजा काटनी है
संजय दत्त के दोस्त यूसुफ नलवाला ने भी टाडा कोर्ट में सरेंडर किया है। यूसुफ संजय दत्त के साथ आर्म्स एक्ट में दोषी हैं और उन्हें भी साढ़े तीन साल की सजा काटनी है।
इस बीच जेल प्रशासन को गुमनाम पत्र मिला है, जिसमें संजय दत्त की जान को खतरा बताया गया है। हालांकि अधिकारियों ने उनकी कड़ी सुरक्षा का भरोसा जताया है।
ऑर्थर रोड जेल के आईजीपी (जेल) विनोद लोखांडे ने गुमनाम पत्र के बारे में ज्यादा जानकारी न देते हुए सिर्फ यही कहा कि तीन दिन पहले मिले इस पत्र को गंभीरता से लिया जा रहा है और संजय दत्त को उचित सुरक्षा दी जाएगी।
इससे पहले दत्त ने इससे पहले पुणे की यरवदा जेल में समर्पण करने की अपील की थी, लेकिन बुधवार को अदालत की अनुमति के बाद उन्होंने यह आवेदन वापस ले लिया।
उनके वकील सुभाष जाधव ने विशेष अदालत में कहा कि संजय अपनी याचिका वापस लेना चाहते हैं और 16 मई को वह अदालत में आत्मसमर्पण करेंगे। अदालत ने याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।
गौरतलब है कि 53 वर्षीय संजय दत्त को आर्म्स एक्ट के तहत दोषी ठहराया गया है और पांच साल की सजा सुनाई गई है। उन्हें अभी साढ़े तीन साल और जेल में बिताने होंगे।
संजय ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी सजा के खिलाफ एक बार फिर से समीक्षा करने का आग्रह किया था, जिसे अदालत ने 10 मई को खारिज कर दिया था।
इससे पहले संजय दत्त ने समर्पण के लिए चार हफ्तों का अतिरिक्त समय मांगा था, जिसे अस्वीकार कर दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 21 मार्च को अपने फैसले में 2006 में टाडा कोर्ट द्वारा दी गई सजा को बरकरार रखा था। मगर उसे एक साल घटाकर पांच साल कर दिया था।