नई दिल्ली।। सुप्रीम कोर्ट ने बॉलिवुड ऐक्टर संजय दत्त की रिव्यू पिटिशन खारिज कर दी है। इसके साथ ही संजय दत्त का जेल जाना करीब-करीब तय हो गया है। हालांकि, उनके पास क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल करने का विकल्प खुला है। जस्टिस पी. सदाशिवम और जस्टिस डॉक्टर बलबीर सिंह चौहान की बेंच ने संजय दत्त के साथ-साथ इस मामले के 6 अन्य मुजरिमों की रिव्यू पिटिशन को भी सुनवाई के लायक नहीं माना। संजय दत्त के अलावा यूसुफ मोहसिन नलवाला, खलील अहमद सैयद अली नाजिर, मोहम्मद दाऊद यूसुफ खान, शेख आसिफ यूसुफ, मुजम्मिल उमर कादरी और मोहम्मद अहमद शेख ने रिव्यू पिटिशन दायर की थी। अब संजय दत्त के पास क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल करने और सरकार से सजा में रियायत की अपील के विकल्प बचे हैं। अगर क्यूरिटिव पिटिशन की अर्जी खारिज हो जाए, तो उसके बाद सरकार चाहे तो सीआरपीसी के प्रावधान के तहत सजा में रियायत दे सकती है।
गौरतलब है कि साल 1993 के मुंबई बम धमाकों में मुंबई की टाडा अदालत ने संजय दत्त को हथियार रखने के मामले में 6 साल की सजा सुनाई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा घटाकर 5 साल कर दी। इसमें से वह 18 महीने की सजा भुगत चुके हैं और 42 महीने की सजा बची है।
कोर्ट ने इस साल 21 मार्च को संजय दत्त को सजा सुनाते हुए 4 सप्ताह के भीतर सरेंडर करने का निर्देश दिया था, लेकिन यह अवधि पूरी होने से एक दिन पहले ही उन्हें 4 सप्ताह की और मोहलत मिल गई थी। मुंबई में 1993 में एक साथ 13 बम धमाके हुए थे, जिनमें 257 लोग मारे गए थे और 700 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे।