नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले में हुई कई नेताओं की हत्या के बाद हमलावर हो रही कांग्रेस के रुख को देखकर भाजपा सतर्क हो गई है और पलटवार के लिए तैयार भी। पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद भाजपा ने कांग्रेस को आगाह किया कि इस घटना को दलगत राजनीति से न देखे। राजनाथ ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआइटी जांच की भी मांग की।
वहीं संवेदनाएं जताने बुधवार को राजनाथ के साथ-साथ अरुण जेटली, प्रदेश प्रभारी जेपी नड्डा और सौदान सिंह छत्तीसगढ़ जाएंगे। शनिवार को छत्तीसगढ़ में हुई घटना के बाद से ही कांग्रेस नेताओं की ओर से प्रदेश की भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिशें हो रही हैं।
सोमवार को भी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री आरपीएन सिंह ने कहा कि सुरक्षा में चूक हुई है। ऐसे में भाजपा पलटवार के लिए तैयार हो गई है। सोमवार शाम हुई बैठक में राजनाथ के साथ-साथ आडवाणी, सुषमा, अरुण जेटली, रामलाल, नड्डा और सौदान सिंह थे। इसमें नक्सली हमले में मारे गए नेताओं और शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। साथ ही विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई।
उनका मानना था कि राजनीतिक बयानबाजी से बचते हुए यह संदेश जरूर दे देना चाहिए कि नक्सलवाद के खिलाफ कांग्रेस ही नरम रही है। पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने कठोर कार्रवाई की शुरुआत की थी तो विरोध कांग्रेस के ही अंदर से शुरू हुआ था। कांग्रेस ने सवाल उठाए तो भाजपा उन घटनाओं की याद दिलाने से नहीं चूकेगी, जिसमें कांग्रेस का रुख नक्सलवाद के लिए कुछ और था। बहरहाल औपचारिक रूप से बोर्ड सदस्य अनंत कुमार बयानबाजी करने से बचते दिखे। उन्होंने कहा, भाजपा राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप में शामिल होना नहीं चाहती है। नक्सलवाद बड़ी समस्या है।
वहीं राजनाथ ने एक ट्वीट में कहा कि नक्सलवाद सामान्य कानून व्यवस्था का नहीं, देश की सुरक्षा से जुड़ा सवाल है। अनंत कुमार ने बताया कि बुधवार को राजनाथ, जेटली, नड्डा और सौदान सिंह छत्तीसगढ़ में महेंद्र कर्मा और नंद कुमार पटेल के गांव जाकर श्रद्धांजलि देंगे। सभी नेता जगदलपुर और रायपुर में घायलों से मिलेंगे और शहीद हुए सिपाहियों को श्रद्धांजलि देंगे।