दिल्ली पुलिस के जांबाज इंस्पेक्टर बद्रीश दत्त (45) की हत्या नहीं हुई थी। उन्होंने महिला मित्र गीता शर्मा की हत्या करने के बाद खुद को गोली मारी थी। बैलिस्टिक एक्सपर्ट की राय (मौखिक) व पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद यह बात लगभग स्पष्ट हो चुकी है। हालांकि मामले की तह तक जाने के लिए दोनों के हाथों का स्वैब नमूना व बिसरा जांच के लिए फोरेंसिक लैब मधुबन (करनाल) भेजा गया है।
रविवार को पूरे दिन चली जांच के बाद पुलिस आयुक्त आलोक मित्तल ने बताया कि अब तक की जांच से हम कह सकते हैं कि इंस्पेक्टर ने महिला मित्र की गोली मार हत्या करने के बाद खुद को गोली मार आत्महत्या कर ली। हालांकि वैज्ञानिक जांच रिपोर्ट आनी शेष हैं। वहीं पोस्टमार्टम से स्पष्ट हुआ है कि इंस्पेक्टर की दाहिनी कनपटी से बिलकुल सटाकर गोली मारी गई थी, जो बाई ओर से निकल गई। जबकि गीता के सिर में गोली मारी गई जो दाहिने कान के पास से बाहर निकली। बैलिस्टिक एक्सपर्ट ने इंस्पेक्टर की सर्विस पिस्टल चेक किया तो उसमें बारह गोली मैगजीन में पाई गई तथा एक गोली चैंबर में फंसी थी। जांच अधिकारी इंस्पेक्टर फौगाट ने बताया कि पंद्रह गोली क्षमता वाली पिस्टल से दो गोली ही चली थी। दोनों शवों को पोस्टमार्टम उनके परिजनों के आने के बाद चार सदस्यीय मेडिकल बोर्ड के जरिए कराया गया। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी हुई, जिसकी सीडी पुलिस ने सुरक्षित रख ली है।
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल में तैनात इंस्पेक्टर बद्रीश दत्त अपनी महिला मित्र गीता शर्मा के आरडी सिटी स्थित फ्लैट पर शनिवार सुबह मृत मिले थे। डिटेक्टिव एजेंसी चलाने वाली गीता के साथ इंस्पेक्टर पहले पुलिस हालात देख व इंस्पेक्टर से जुड़े लोगों की बात सुन यह मान कर चल रही थी कि गीता ने इंस्पेक्टर की हत्या कर आत्महत्या की, लेकिन वैज्ञानिक जांच ने रविवार को पुलिस का नजरिया बदल दिया।