लाहौर के जिन्ना अस्पताल में मृत्यु शैय्या पर लेटे भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की हालत के बारे में पाकिस्तान के डॉक्टरों के झूठ से आहत होकर उनके परिवार ने अमृतसर लौटने का फैसला किया है।
दलबीर कौर अमृतसर पहुंचने के बाद खुलासा करेंगी कि किस तरह अस्पताल से लेकर प्रशासन तक ने दबाव डालकर उन्हें किस प्रकार प्रताड़ित किया। उनसे क्या कहने के लिए दबाव डाला गया।
सरबजीत के वकील ओवैश शेख का कहना है कि जिन्ना अस्पताल के डॉक्टर और लाहौर का प्रशासन उसकी बहन दलबीर कौर पर वेंटीलेंटर हटाने की सहमति देने का दबाव बनाया।
दलबीर के इनकार करने पर उन्हें बार-बार अस्पताल बुलाने और फिर वापस होटल भेजने का खेल करके प्रताड़ित किया।
इसी बीच मंगलवार देर शाम अप्रत्याशित रूप से अस्पताल की सुरक्षा बढ़ा दी गई और लाहौर प्रशासन व पंजाब के गृह मंत्रालय के अफसरों की आवाजाही वहां बढ़ गई।
दलबीर कौर का कहना है कि सरबजीत की छोटी बेटी पूनम की तबियत खराब हो जाने और पत्नी सुखप्रीत के दुख को देखते हुए परिवार बुधवार को अमृतसर लौट रहा है।
ओवैश शेख ने फोन पर अमर उजाला को बताया कि चार दिन से सरबजीत अस्पताल में जस की तस हालत में लेटा है। परिवार को डॉक्टर खिड़की से उसका शरीर दिखा दे रहे हैं, लेकिन उसकी हालत के बारे में कुछ नहीं बता रहे।
उन्होंने कहा कि जिन्ना अस्पताल के डॉक्टरों ने दलबीर कौर पर अस्पताल के अंदर दबाव बनाया कि हालत में सुधार नहीं है, इसलिए परिवार वेंटीलेटर हटाने पर लिखित सहमति दे। उनका दावा है कि दलबीर ने ऐसा करने के बजाए भारत लौटने का फैसला किया।
सरबजीत के अगूंठे में स्याही का निशान से शक
दलबीर कौर रविवार को जब लाहौर के जिन्ना अस्पताल के आईसीयू में सरबजीत सिंह को देखने गईं तो उन्होंने अंगूठे में नीली स्याही का निशान देखा। स्याही का निशान देख दलबीर को साजिश का शक हुआ।
सोमवार को आईसीयू में भाई के बाएं हाथ को छूने के क्रम में उनका बायां अंगूठा देखा तो दलबीर कौर के होश उड़ गए।
सरबजीत के अंगूठे में नीली स्याही का ऐसा निशान था जो साफ बता रहा था कि जेल से अस्पताल के बीच कहीं न कहीं उससे किन्हीं कागजों पर छाप ली गई है।
मंगलवार को पाक डॉक्टरों के रुख से निराश हो चुकीं दलबीर कौर ने वकील ओवैश शेख से होटल में कहा कि वह सरबजीत की बेटियों को घर भेजकर फिर लौटेंगी।
उन्होंने कहा कि अस्पताल में दो दिन से डॉक्टर जिस तरह से सरबजीत की सेहत को लेकर मनमाफिक बयान देने का दबाव बना रहे हैं, उसका वह पर्दाफाश करेंगी।
दलबीर ने अमर उजाला से कहा कि पाक डॉक्टरों ने यह कभी नहीं कहा कि सरबजीत के इलाज के लिए क्या कोशिश हो रही है और कैसे स्थिति में सुधार हो सकता है।
डॉक्टर दलबीर के पांक पहुंचने के दिन से यही कहते रहे कि दुआ करो, अब रब ही कुछ कर सकता है।