माधुरी दीक्षित पर ‘तेजाब’ फिल्म में फिल्माया गया गाना “एक तो तीन चार …” फिल्म इंडस्ट्री के सबसे लीजेंड गानों में से एक है। कई सर्वे में यह बात साफ हो चुकी है कि यह गाना आज भी लोगों द्वारा सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है।
इस गाने से जुड़ा एक बडा दिलचस्प किस्सा है। किसी भी गीत की रचना करने से पहले गीतकार और संगीतकार एक साथ बैठते हैं। अगर जरूरी होता है तो गायक को भी इसमें शामिल कर लिया जाता है।
यदि गाना पहले से तैयार होता है तो संगीतकार उसे अपनी धुन देते हैं लेकिन यदि गीत लिखा नहीं गया होता है तो संगीतकार उसकी धुन पेश करके बताते हैं कि उसे कैसे लिखना है। इसके लिए वह डमी अल्फाजों का प्रयोग करते हैं।
‘तेजाब’ फिल्म के इस गाने के लिए लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, जावेद अख्तर को इन्हीं डमी अल्फाजों से गाने की धुन समझा रहे थे। उन्होंने एक तो तीन, एक दो तीन करके डमी अल्फाजों से कई बार समझाया तो जावेद अख्तर को लगा कि गाना तो इसी एक तो तीन पर ही बन सकता है।
लक्ष्मीकांत से धुन समझने के बाद जावेद इसी एक दो तीन को डेवलप करने में लग गए। गाने में आगे वह संख्याएं जोड़ते हुए चले गए। बाद में हर संख्या को एक दिन मान लिया गया और उस दिन का विस्तार गाने की पंक्तिया बनता गया।
जब यह गाना पूरा बनकर तैयार हुआ तो खुद जावेद अख्तर को इस बात पर विश्वास नहीं हुआ कि संयोग से इतना बढ़िया गीत बन सकता है। यह बात उन्होंने लक्ष्मीकांत प्यारेलाल से फिल्म रिलीज के बाद शेयर की। इस गीत को आवाज अल्का याज्ञनिक ने दी है। इस गाने को बेस्ट सॉन्ग का फिल्म फेयर अवॉर्ड भी मिला है।