दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए सकारात्मक बात है कि उसने आईपीएल-6 में अपना पिछला मैच जीता। दिल्ली ने अपने अब तक नौ में से केवल जो दो मैच जीते हैं, उसमें उसके शीर्ष क्रम में वीरेंद्र सहवाग, महेला जयवर्धने और डेविड वॉर्नर में कम से कम एक आखिर तक क्रीज पर रहा। इससे दिल्ली 160 रन या इससे पार पहुंचने में कामयाब रही। दिल्ली की ताकत निश्चित रूप से उसकी बल्लेबाजी है। दिल्ली के साथ दरअसल दिक्कत यह रही है कि वह एक मैच जीती और उससे अगला हार गई।
लगातार जीत ही दिल्ली को राह दिखा सकती है। ऐसा हालांकि इस लीग में अब किसी टीम ने किया नहीं है, लेकिन खुद पर भरोसा हो तो यह मुमकिन हो सकता है। दिल्ली को मैच-दर-मैच सधे कदमों से आगे बढ़ना होगा।
दिल्ली अब रायपुर में बुधवार को मौजूदा चैंपियन कोलकाता नाइटराइडर्स (केकेआर) के खिलाफ खेलने उतरेगी। इसमें दिल्ली का पलड़ा मुझे केकेआर के खिलाफ कुछ भारी नजर आता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अच्छे आगाज के बाद केकेआर राह भटक गई और वह लगातार हार के साथ दिल्ली के खिलाफ इस मैच में उतरेगी। जहां तक केकेआर के अबूझ बताए जा रहे और अब तक खासे कामयाब रहे स्पिनर सुनील नरेन की बात है तो मुझे नहीं लगता कि वह दिल्ली के सहवाग और महेला के लिए कोई बड़ी चुनौती पेश कर पाएंगे। इसका कारण साफ है कि एशियाई बल्लेबाज किसी भी तरह के स्पिनर को ऑस्ट्रेलियाई, वेस्ट इंडीज, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों से बेहतर ढंग से खेलते हैं।
मुझे केकेआर के पास तेज गेंदबाज के रूप में कोई ऐसा गेंदबाज नजर नहीं आता जो दिल्ली के तोप बल्लेबाजों के लिए बड़ा खतरा साबित हो सके। रही बात ब्रेट ली की वह अब बतौर गेंदबाज कम उनके मार्गदर्शक की भूमिका में ही ज्यादा नजर आ रहे हैं। गेंदबाजी ही केकेआर की कमजोर कड़ी नजर आ रही है। केकेआर की बल्लेबाजी कप्तान गंभीर और मनविंदर बिस्ला पर ही ज्यादा निर्भर है।
दिल्ली के लिए तेज गेंदबाज के रूप में युवा उमेश यादव, अनुभवी मोर्नी मोर्केल और आशीष नेहरा के साथ बतौर स्पिनर रन देने में खासे कंजूस लेफ्ट आर्म शाहबाज नदीम हैं। दिल्ली के पास केकेआर से निबटने के लिए लिए बारूद तो है, लेकिन जरूरत इसके सही समय पर विस्फोट की है। दिल्ली के गेंदबाजों की मेहनत तभी कारगर हो सकती है जब उसके बल्लेबाज जलवा दिखाएं और टीम 170-180 तक का स्कोर बनाए। दिल्ली के शीर्ष क्रम में यदि एक भी बल्लेबाज आखिर तक क्रीज पर रहा तो फिर वह बड़ा स्कोर बना सकती है। दिल्ली इसी आस के साथ उतरेगी भी। (फॉरच्युना सिंडिकेट)