नई दिल्ली।। कांग्रेस रेलवे घूसकांड में फंसे रेल मंत्री पवन कुमार बंसल के खुलकर बचाव में उतर आई है। कांग्रेस ने बंसल के इस्तीफे की मांग यह कहते हुए खारिज कर दी कि विपक्ष को इस्तीफा मांगने की ‘बीमारी’ हो गई है। वहीं शाम को हुई कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक में भी बंसल के इस्तीफे पर कोई फैसला नहीं लिया गया। इससे पहले इस घूसकांड से पल्ला झाड़ने वाले रेल मंत्री पवन बंसल बैकफुट पर नजर आए और प्रधानमंत्री से मुलाकात कर इस्तीफे की पेशकश की। इस बीच यह भी खबर आ रही है कि सीबीआई रेल मंत्री से पूछताछ कर सकती है।
शरद यादव ने किया बंसल का बचाव
बीजेपी जहां इस मामले पर बंसल का इस्तीफा मांग रही है, वहीं जेडीयू अप्रत्याशित ढंग से बंसल के बचाव में खड़ी हो गई है। जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने तो पवन बंसल को बेदाग करार दिया। यादव ने कहा कि वह बंसल को कई साल से जानते हैं। वे ईमानदार शख्स हैं। उन्होंने कहा कि रिश्वत बंसल ने नहीं उनके रिश्तेदार ने ली है। सीबीआई मामले की जांच कर रही है। ऐसे में बंसल को इस्तीफा देने की कोई जरूरत नहीं है।
बंसल को कांग्रेस की क्लीन चिट
कांग्रेस का कहना है कि बंसल के इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता है। कांग्रेस के प्रवक्ता जनार्दन द्विदेदी ने कहा कि इस मामले में रेल मंत्री की सफाई आ चुकी है। उन्होंने खुद कहा है कि इस मामले में पूरी जांच होनी चाहिए। इससे ज्यादा आप रेल मंत्री से अपेक्षा नहीं कर सकते हैं। उन्होंने विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें इस्तीफा मांगने का रोग हो गया है।
मामले में चौतरफा दबाव के बाद रेल मंत्री ने शनिवार की सुबह सफाई देते हुए कहा है कि इस रिश्वत कांड से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरे सरकारी कामकाज में किसी का दखल नहीं है। विजय का भी नहीं। रेल मंत्री ने यहां तक कहा कि इस मामले की उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने सीबीआई से मांग की कि वह इस मामले में जल्दी जांच करे। शनिवार को बंसल को चंड़ीगढ़ जाना था, लेकिन उन्होंने अपना दौरा रद्द कर दिया है।
बाद में शनिवार की दोपहर पवन बंसल प्रधानमंत्री से मिलने उनके आवास पर गए। उन्होंने इस्तीफे की पेशकश की। प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर उन्हें क्या कहा यह बात सामने नहीं आई है, लेकिन कांग्रेस ने इस्तीफे की बात को खारिज कर दिया है। पार्टी ने कहा कि विपक्षी दलों को इस्तीफा मांगने का रोग लग गया है।
इस बीच इस मुद्दे पर एनडीए में भी फूट दिख रही है। जेडीयू के नेता शरद यादव ने कहा है कि अगर किसी मंत्री का कोई रिश्तेदार रिश्वतखोरी में शामिल है तो उसका यह मतलब नहीं कि मंत्री इसके लिए जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि रेल मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए।