उत्तरप्रदेश सरकार ने तीन लोगों को और लालबत्ती दे दी हैं। इन सभी को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है।
वाराणसी के डॉ. बहादुर सिंह यादव को राज्य शिशिक्षु परिषद का अध्यक्ष व बरेली के मो. तौकीर रजा खां (आईएमसी प्रमुख) को हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग का सलाहकार, बस्ती के श्रीपति सिंह को राज्य योजना आयोग का सलाहकार नियुक्त कर लालबत्ती दी गई है।
इसके साथ ही लंबे समय से सपा और आईएमसी के बीच चल रही गुपचुप डील सोमवार को सामने आ गई। गठबंधन के तहत आईएमसी लोकसभा चुनाव में समर्थन करेगी।
जबकि अगले विधानसभा चुनाव में आईएमसी को कुछ सीटे मिलेंगी।
पिछले कुछ महीनों से सपा और इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के बीच बात चल रही थी।
सपा जिलाध्यक्ष वीरपाल सिंह यादव इसके सूत्रधार बने और सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव से मौलाना तौकीर की मुलाकात कराई।
सब कुछ तय होने के बाद ही मौलाना तौकीर को लालबत्ती से नवाजा गया।
मौलाना तौकीर के आवास पर लोगों ने उन्हें बधाई दी। अपने आवास पर मौलाना तौकीर ने कहा कि मेरी पहली शर्त है कि 2010 और 2012 में हुए दंगों की न्यायिक जांच करायी जाए। क्योंकि तमाम हिन्दू-मुस्लिमों पर फर्जी मामले दर्ज हुए थे।
मौलाना ने बताया कुछ शर्तों पर गठबंधन हुआ है, इसके तहत लोकसभा चुनाव में आईएमसी मदद करेगी। विधानसभा में हमें 25 सीट चाहिए।
साथ ही बरेली और मुरादाबाद में घोषित सभी लोकसभा प्रत्याशियों पर विचार किया जाएगा और कमजोर प्रत्याशी बदले जाएंगे।
उन्होंने कहा कि आईएमसी ने विलय नहीं मुस्लिम वोटो का बंटवारा रोकने के लिए गठबंधन किया है। मौलाना ने कहा कि युवा मुख्यमंत्री काम करना चाहते हैं लेकिन उन तक सही बात और तस्वीर पहुंच नहीं रही है।
प्रशासन और नेता अपने हिसाब से सफाई देते हैं, लेकिन सही तस्वीर सामने पेश होगी। एक सवाल में कहा कि बरेली में सबसे बड़ी समस्या बिजली है इसने जीना हराम कर रखा है। सरकार भले ही मेरी बत्ती ले ले लेकिन बरेली को बत्ती दे दे।