मनमोहन सरकार ने अपनी दूसरी पारी में चार साल पूरे कर लिए हैं। मनमोहन सिंह जब दूसरी बार प्रधानमंत्री बने थे तो उन्होंने जनता से कई वादे किए। हालांकि पिछले कुछ सालों में वादों की कम और घोटाले की ज्यादा चर्चा हुई। एक नजर घोटाले और किए गए वादों पर।
घोटालों से घिरी सरकार
1. कोयला घोटाला- 1 लाख 86 हजार करोड़ के घोटाले का यह मामला सीएजी की रिपोर्ट से सामने आया।
2. 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला- 2जी स्पेक्ट्रम आंबटन के मामले में 1 लाख 76 हजार करोड़ के घोटाले की बात सामने आई।
3. मनरेगा घोटाला- केंद्र सरकार की इस बड़ी परियोजना में लगभग 10,000 करोड़ के घोटाले की बात सामने आई है।
4. कॉमनवेल्थ खेल घोटाला – 2010 में 70,000 करोड़ के कॉमनवेल्थ घोटाले में सुरेश कलमाडी जेल गए।
5. हेलीकॉप्टर खरीद घोटाला– इटली से 12 हेलीकॉप्टर के सौदे में 362 करोड़ रुपए की रिश्वत की बात सामने आई।
6. रेलवे घूस कांड- 12 करोड़ की इस घूस पेशकश में मेंबर (इलेक्ट्रिकल) और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन की कुर्सी के लिए 10 करोड़ दिया जाना तय हुआ था। इसी में से 90 लाख की रकम दिए जाने के दौरान रेल मंत्री पवन बंसल के भांजे विजय सिंगला की गिरफ्तारी हो गई। रेलमंत्री पवन बंसल को इस्तीफा देना पड़ा।
और भी कई ऐसे घोटाले हुए जिनकी गूंज संसद से सड़क तक सुनाई पड़ी, लेकिन सरकार अपने में मस्त दिखी।
1. सांप्रदायिक दंगों को रोकने के लिए नया कानून
स्थिति- साल 2005 से लंबित।
2. सुरक्षा से जुड़े मामलों को छोड़ हर क्षेत्र में सूचना का अधिकार लागू करने की योजना
स्थिति- कोई पहल नहीं हुई।
3. राइट टु एजुकेशन
स्थिति- 2009 में लागू कर दिया गया।
4. नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट
स्थिति- 2011 से लंबित।
5. भूमि अधिग्रहण के लिए बेहतर कानून
स्थिति- 2011 से लंबित।
6. महिला आरक्षण बिल
स्थिति- लोकसभा में 2010 से लंबित।
7. पेंशन सेक्टर को नियमित करने की योजना
स्थिति- 2011 से लंबित।
8. गुड्स और सर्विस टैक्स की बहाली
स्थिति- 2011 से लंबित।
9. नेशनल कांउसिल फॉर हायर एजुकेशन बिल
स्थिति- 2011 से लंबित।
10. पंचायत और निकाय में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण
स्थिति- 2009 से लंबित।