main newsदुनिया

मैं जर्मनी में युद्ध बंदी हूं…।

30-april-1918-s-letter-5182bcf95ff07_lप्रथम विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी के शिविर में युद्धबंदी रहे एक सैनिक के पोस्टकार्ड का 95 साल बाद पता चला है।

चार्ल्स जेफ़्रीज ने 30 अप्रैल 1918 को अपने परिवार को जर्मनी के लिम्बर्ग से ये बताने के लिए एक पोस्टकार्ड भेजा, जिस पर लिखा था कि उन्हें युद्धबंदी के तौर ले जाया गया है।

उन्होंने ये कार्ड अपने घर के वेस्ट क्लिफ ऑन सी, एसेक्स के पते पर भेजा था।

78 साल की चार्ल्स जेफ़्रीज की पोती पैट निकोलस को ये पोस्टकार्ड अपने परिवार की पुरानी फाइल में मिला।

पैट निकोलस अब अपने दादा के बारे में और जानकारी जुटाना चाहती हैं कि उन्होंने प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान किस तरह की भूमिका निभाई।

इस कार्ड के मुताबिक चार्ल्स जेफ़्रीज ‘रॉयल नेवी डिवीज़न’ रेजीमेंट में थे, लेकिन क्या वो घायल हुए थे, या नहीं ये पता नही चलता।

इस पोस्टकार्ड पर जर्मनी का टिकट व मुहर लगी है। कार्ड पर उनके जन्म का साल है 1890, चार्ल्स जेफ़्रीज ने अपनी निजी जानकारियां और घर का पता पेंसिल से लिखा है।

पैट निकोलस ने इस कार्ड को अध्ययन के लिए इतिहासकारों को सौंप दिया है।

ये कार्ड जर्मन और अंग्रेजी भाषा में है और इसका शीर्षक है, “मैं जर्मनी में युद्धबंदी हूं।”

पैट निकोलस उस वक्त किशोरी थी, जब जेफ़्रीज की 1953 में फेफड़ों के कैंसर से मौत हो गई थी।

वो कहती हैं “उनकी बातें मुझे अच्छी तरह से याद है। काश मैंने उनसे युद्ध के बारे में पूछा होता। लेकिन लोगों ने भी इसके बारे में बात नहीं की।”

चार्ल्स जेफ़्रीज जल निरीक्षक थे और साउथएंड वाटरवर्क्स कंपनी के लिए काम करते थे।

पैट निकोलस कहती हैं “मुझे पता है कि जब उन्हें बंदी बना लिया गया तो मेरी दादी ये सदमा बर्दाश्त नहीं कर सकीं और उन्हें लकवा मार गया।”

“मैंने इस कार्ड पर लिखावट की जांच की है और ये निश्चित रूप से चार्ल्स जेफ़्रीज की ही है।”

NCR Khabar News Desk

एनसीआर खबर.कॉम दिल्ली एनसीआर का प्रतिष्ठित और नं.1 हिंदी समाचार वेब साइट है। एनसीआर खबर.कॉम में हम आपकी राय और सुझावों की कद्र करते हैं। आप अपनी राय,सुझाव और ख़बरें हमें mynews@ncrkhabar.com पर भेज सकते हैं या 09654531723 पर संपर्क कर सकते हैं। आप हमें हमारे फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते हैं

Related Articles

Back to top button