राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने खुद के नाम के आगे महामहिम लगाने पर रोक लगा रखी है, लेकिन इस चक्कर में विधानसभा सचिवालय ने महोदय शब्द भी उनके नाम से हटा दिया है।
निमंत्रण पत्रों से लेकर विधानसभा में दिए जाने वाले भाषणों के ड्राफ्ट से महोदय शब्द गायब है। निमंत्रण पत्रों पर महोदय शब्द पहले छापा गया था, लेकिन बाद में इसे भी फ्लयूड से मिटाया गया।
विधानसभा के सचिव बलबीर तेगटा कहते हैं कि प्रणब मुखर्जी को भारत के राष्ट्रपति से ही संबोधित किया जाएगा। उन्हें कोई एतराज न हो, इसलिए महोदय शब्द भी हटा दिया गया है।
इधर, बुधवार को विधानसभा में प्रेस वार्ता में विधानसभा अध्यक्ष बृज बिहारी लाल बुटेल ने बताया कि राष्ट्रपति के संबोधन के लिए 24 मई को विशेष सत्र होगा।
राष्ट्रपति सदन को संबोधित करेंगे और इसका प्रसारण डीडी भारती पर होगा। वह विधानसभा स्वर्ण जयंती पर डाक विभाग द्वारा तैयार किया गया विशेष कवर भी जारी करेंगे।
राष्ट्रपति के लिए स्वागत में विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और राज्यपाल उर्मिला सिंह का संबोधन होगा और उपाध्यक्ष जगत सिंह नेगी धन्यवाद प्रस्ताव रखेंगे।
विपक्ष के नेता को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि 2004 में जब राष्ट्रपति कलाम विधानसभा आए थे, तब भी विपक्ष के नेता का संबोधन नहीं था।
धूमल ने उठाया कार्यक्रम पर सवाल
विपक्ष के नेता प्रेम कुमार धूमल ने विधानसभा की ओर से जारी कार्यक्रम पर सवाल उठाया है।
उन्होंने कहा कि 2004 में तो विधानसभा उपाध्यक्ष नहीं बोले थे। केवल अध्यक्ष और राष्ट्रपति बोले थे और सीएम ने धन्यवाद किया था। इस बार यह नई परंपरा डाली जा रही है।