लखनऊ के राज्य संग्रहालय में रखी 3 हजार साल पुरानी मिस्त्र की ममी मरने के कगार पर है। यूं तो लोग जानते हैं कि मरने के बाद रसायनिक पदार्थों से शरीर को सुरक्षित रख, ममी बनाई जाती है। लेकिन भारी उमस के चलते 13 साल की लड़की की ये ममी खत्म होने को है।
सूत्रों के अनुसार यह ममी एक 13 साल की लड़की की है जो मिस्त्र के 22वें से 25वें राजवंश के बीच के समय की थी। इसे 1952 में संग्रहालय द्वारा खरीदा गया था।
पिछले कई सालों से ममी के शरीर को काफी नुकसान पहुंचा है। इसकी खोपड़ी और शरीर के कई हिस्सों से पट्टियां उखड़ने लगी हैं। जिस ताबूत में इस ममी को रखा गया है उसमें भी कई दरारें पड़ चुकी हैं।
पर यह ममी इस हालत में पहुंची कैसे? संग्रहालय के अधिकारियों का कहना है कि इसे ग्लास में रखने के बावजूद पर्यावरण के घटक जैसे उमस, तापमान, रोशनी और प्रदूषण ने इसे नुकसान पहुंचाया है।
अधिकारियों ने भविष्य में हो सकने वाले नुकसान के प्रति भी अपनी लाचारगी दिखाई।
लखनऊ राज्य संग्रहालय के निदेशक राकेश तिवारी का कहना है कि उन्होंने कोशिश की कि सिलिका जैल लगाकर ममी को वैक्यूम बॉक्स में रखा जाए, लेकिन ये प्रयास नाकाफी हैं। संग्रहालय को जानकारों के मार्गदर्शन की जरुरत है कि ममी को सुरक्षित कैसे रखा जाए।