ढाका। बांग्लादेश में ईशनिंदा कानून को सख्त किए जाने की मांग को लेकर राजधानी ढाका में प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए, इस भिड़ंत में 37 लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। इस घटना के बाद अधिकारियों ने रैली और प्रदर्शनों पर रोक लगा दी है।
नवगठित हिफाजत-ए-इस्लाम ने अपनी 13 सूत्रीय मांगों को लेकर सत्तारूढ़ अवामी लीग पर दबाव बनाने के लिए रविवार को ढाका की घेराबंदी की। इन मांगों में इस्लाम और पैगंबर मुहम्मद का अपमान करने वालों को सजा देने के लिए ईशनिंदा कानून लागू करने की मांग की गई है।
ढाका में पुलिस और अर्द्धसैनिक बल रविवार को पूरी रात हजारों इस्लामी प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए मशक्कत करते रहे। अधिकारियों ने रविवार रात हुए संघर्ष में अर्द्धसैनिक बल बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश [बीजीबी] के एक जवान और दो पुलिसकर्मियों के मारे जाने की पुष्टि की। हिंसा फैलने के डर से पुलिस ने सार्वजनिक रैलियों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
पुलिस ने बताया कि कांचपुरा इलाके में अपंजीकृत मदरसे के छात्रों के साथ हिफाजत-ए-इस्लाम के कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला किया, जिसमें कानून प्रवर्तन विभाग के तीन कर्मियों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए। यह हमला बीजीबी और पुलिस द्वारा सुबह की नमाज के बाद सिद्धिरगंज के सनारपाड़ा में एक मदरसे पर छापेमारी के बाद किया गया। पुलिस को संदेह था कि कट्टरपंथी कार्यकर्ता ढाका-चटगांव राजमार्ग घेरने की तैयारी में हैं। इसलिए छापेमारी की गई।