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दत्त भेजे गए आर्थर जेल

नई दिल्ली। मुंबई बम धमाकों से जुड़े एक मामले में दोषी पाए गए अभिनेता संजय दत्त टाडा कोर्ट पहुंचकर सरेंडर कर चुके हैं। टाडा कोर्ट में कुछ कागजी कार्यवाही होने के बाद उन्हें पुलिस वैन से आर्थर रोड जेल भेजा दिया गया है। यहां उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। इसके बाद उन्हें पुणे के यरवदा जेल भेज दिया जाएगा। इससे पहले उन्होंने कोर्ट से ई-सिगरेट, दवाइयां, घर का खाना और गद्दा ले जाने की इजाजत मांगी है। मगर कोर्ट ने उनकी बाकी मांगों को मांगते हुए सिगरेट की मांग ठुकरा दी है।

आज सुबह कोर्ट के बाहर मीडिया के भारी जमावड़े के बीच उन्होंने कार से बाहर निकलकर हाथ जोड़कर लोगों से रास्ता देने की अपील की। कोर्ट के बाहर भारी भीड़ के कारण अफरा-तफरी का माहौल है। यहां सारी औपचारिकताएं पूरी कर संजय दत्त को आर्थर रोड जेल और फिर वहां से पुणे के यरवदा जेल भेजा जाएगा।

इससे पहले सरेंडर करने के लिए बांद्रा स्थित अपने घर से निकलने के समय उनके घर पर भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था। उनके काफिले के साथ भारी संख्या में मीडिया के लोग भी चल रहे थे।

रास्ते में उनकी गाड़ी जाम में फंस गई। किसी तरह पुलिसकर्मियों की मदद से उनकी गाड़ी को जाम से निकाला गया। संजय के साथ उनकी इनोवा गाड़ी में पत्‍‌नी मान्यता दत्त, बहन प्रिया दत्त तथा कुछ करीबी दोस्त मौजूद थे।

उधर गुरुवार दोपहर जिस वक्त मुंबई में मुन्ना भाई की टाडा कोर्ट में पेशी और उसके बाद जेल भेजे जाने की तैयारियां चल रही थीं ठीक उसी वक्त मुरादाबाद कचहरी में भी इस मामले को लेकर हलचल बढ़ गई। भाई के जेल जाने पर खुद को जलाकर मार डालने का एलान करने वाला एक दीवाना कलेक्ट्रेट परिसर पहुंच गया। आत्मदाह की कोशिश जैसे उसके तेवरों से कलेक्ट्रेट परिसर में अफरा तफरी जैसी स्थिति पैदा हो गई। कलेक्ट्रेट की सुरक्षा में तैनात रहने वाली पुलिस पिकेट ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस के मुताबिक उसका नाम जमाल है और वह महानगर की पुरानी आबादी में रहता है। खुद को संजय दत्त का सबसे बड़ा फैन बताने वाले जमाल को गिरफ्तारी के बाद भी अपने एलान व आत्मदाह की कोशिश के प्रति कोई मलाल नजर नहीं आया।

जेल जाने से पहले भी संजू बाबा भगवान को याद करना नहीं भूले। उन्होंने अपनी सुबह की शुरुआत पूजा पाठ के साथ की। संजू के परिवार ने उनके जेल जाने से पहले घर में खूब पूजा-प्रार्थनाएं की। यही नहीं पंडितों ने उनके घर पर एक हवन भी किया। जिसमें उनके करीबी लोग भी शामिल हुए।

इस बीच, हिंदू राष्ट्र सेना ने उनके घर के बाहर प्रदर्शन करना भी शुरू कर दिया। संगठन ने संजय को कोई भी वीआईपी ट्रीटमेंट देने की बात का विरोध किया है।

दत्त को आज टाडा कोर्ट में सरेंडर करना है और ऐसे में बीती रात उनके लिए कितनी भारी थी इसका अंदाजा लगाना आसान है। बुधवार की रात उन्होंने अपने करीबी लोगों के साथ बिताई। बॉलीवुड की तमाम बड़ी हस्तियों ने उनके घर जाकर उनसे मुलाकात की। सलमान खान, फरदीन खान, डेविड धवन, शिल्पा शेंट्टी व अन्य। सूत्रों ने बताया कि संजय को जेल में कैदी नंबर सी 15170 मिल सकता है।

संजय दत्त ने मुंबई कोर्ट में अपनी जान को खतरा है इस बात का हवाला देते हुए यरवदा जेल में सरेंडर करने के लिए अर्जी डाली थी, लेकिन बाद में उन्होंने अपनी ये अर्जी वापस ले ली। अब वे टाडा कोर्ट ही जाएंगे।

मुंबई में 1993 के बम धमाकों में अवैध हथियार रखने के दोषी दत्त अपनी बची सजा को पूरा करने के लिए यहां पर टाडा अदालत के समक्ष समर्पण करेंगे। 53 वर्षीय दत्त के वकील सुभाष जाधव ने बुधवार को विशेष अदालत से कहा कि अभिनेता अपनी याचिका को वापस लेना चाहते हैं। वह गुरुवार को टाडा अदालत के समक्ष समर्पण करेंगे। जिसके बाद अदालत ने उन्हें याचिका वापस लेने की मंजूरी दे दी। मंगलवार को चरमपंथियों से अपनी जान को खतरा बताते हुए दत्त ने यरवदा जेल में समर्पण करने की अनुमति देने के लिए याचिका दायर की थी।

जेल में साढ़े तीन साल रहेंगे

सुप्रीम कोर्ट ने गत 21 मार्च को टाडा कोर्ट से दत्त को सुनाई गई छह साल के कारावास की सजा को घटाकर पांच साल कर दिया था। वह ट्रायल के दौरान 18 महीने कैद भुगत चुके हैं। इस तरह से उन्हें साढ़े तीन साल का कारावास और भुगतना होगा। गत दस मई को शीर्ष अदालत ने दत्त की फैसले पर पुनर्विचार की याचिका को खारिज कर दिया था। आगे की सजा भुगतने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई समयसीमा 16 मई को खत्म हो रही है। दत्त को मुंबई हमले के लिए आए हथियारों की खेप से 9 एमएम पिस्तौल और एके 56 रायफल रखने के जुर्म में शस्त्र अधिनियम के तहत सजा सुनाई गई है।

दत्त व मुंबई हमले के दोषी अन्य दोषियों को पहले 18 अप्रैल तक समर्पण करना था, लेकिन दत्त ने अधूरी फिल्मों और उसमें फंसी करोड़ों की रकम का हवाला देकर कोर्ट से कुछ और समय मांगा था, जिस पर उन्हें समर्पण के लिए चार सप्ताह का समय और दे दिया गया था। 1993 में मुंबई में हुए श्रृंखलाबद्ध विस्फोटों में 257 लोगों की मौत हो गयी थी जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।

NCR Khabar News Desk

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