नई दिल्ली। बेटी आरुषि तलवार और नौकर हेमराज की हत्या के आरोपी दंत चिकित्सक राजेश व नुपुर तलवार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दंपति ने सर्वोच्च अदालत से दोहरे हत्याकांड में 14 गवाहों के बयान ट्रायल कोर्ट में दर्ज कराने के लिए तलब किए जाने की मांग की है।
तलवार दंपति ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर कर सीबीआई अदालत के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें 14 गवाहों को बयान दर्ज कराने के लिए तलब किए जाने की दलील को खारिज कर दिया गया था। इन गवाहों में एडीजी (कानून-व्यवस्था) और सीबीआई के संयुक्त निदेशक अरुण कुमार भी शामिल थे। ट्रायल कोर्ट ने बचाव पक्ष की इस दलील को 6 मई को अस्वीकार कर दिया था। साथ ही तलवार दंपति को बयान दर्ज कराने का आदेश जारी किया था, जो इस मामले में मुख्य आरोपी हैं। अभियोजन के आखिरी गवाह सीबीआई के जांच अधिकारी एजीएल कौल ने बयान दिया था और उनका बयान दर्ज किया जा चुका है। सीबीआई की ओर से इन 14 लोगों को पहले गवाहों की सूची में शामिल किया गया था। लेकिन बाद में इन्हें गवाहों की सूची से हटा दिया गया। यही वजह है कि तलवार दंपति की ओर से इन गवाहों को बयान दर्ज कराने के लिए तलब किए जाने की मांग की जा रही है।
सीबीआई ने अदालत से कहा था कि पांच साल पहले 14 वर्षीय आरुषि की हत्या राजेश व नुपुर तलवार ने की थी। उनके सिवा कोई बाहरी मौजूद नहीं था। एडीशनल जज के समक्ष इस बयान को दर्ज किया गया। इसके बाद सीबीआई जांच की अध्यक्षता करने वाले अधिकारी ने अदालत से कहा था कि जांच में ऐसा कोई साक्ष्य नहीं पाया गया कि घर में किसी तीसरे व्यक्ति का प्रवेश हुआ था। याद रहे कि आरुषि की उसके बेडरूम में 16 मई, 2008 को गला रेत कर हत्या कर दी गई थी। पहला शक घरेलू नौकर हेमराज पर गया था। लेकिन उसका शव अगले दिन तलवार दंपति के नोएडा, जलवायु विहार स्थित घर की छत पर पाया गया था।