सब कुछ योजनाओं की मुताबिक चला तो इलाहाबाद विश्वविद्यालय में नए सत्र में शिक्षकों की कमी काफी हद तक दूर हो जाएगी। 504 पदों के लिए साक्षात्कार की प्रक्रिया 15 जून तक खत्म होने के दावे किए जा रहे हैं।
अधिकतर विभागों में शिक्षकों के लिए साक्षात्कार हो भी चुका है। ऐसे में अब सिर्फ कार्य परिषद की बैठक का इंतजार है।
विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भर्ती के लिए पिछले साल ही आवेदन मांगे गए थे। भर्ती प्रक्रिया भी पिछले साल पूरी हो जानी थी लेकिन लगातार विवाद के कारण प्रक्रिया लंबी खींच गई। हालांकि अब सभी विवाद दूर हो चुके है।
साक्षात्कार के बाद संगीत, समाजशास्त्र समेत एक दर्जन से अधिक विभागों का रिजल्ट लिफाफे में बंद हो चुका है। रिजल्ट घोषित करने के लिए दो बार कार्य परिषद की बैठक भी बुलाई गई लेकिन दोनों ही दफे सदस्यों ने आपत्ति उठा दी। इससे बैठक टालनी पड़ी।
हालांकि अब मई में फिर बैठक की कवायद की जा रही है। विधि, मध्य एवं आधुनिक इतिहास, मनोविज्ञान, राजनीति विज्ञान समेत कई विषयों के लिए इंटरव्यू चल रहा है। इसी महीने इनका भी रिजल्ट तैयार होने की उम्मीद है।
मई में बैठक होती है तो उसमें इन विषयों के परिणाम भी घोषित किए जाने की संभावना है।
इनके अलाव मानवशास्त्र, पत्रकारिता, भूगोल, गांधी स्टडीज आदि विषयों के लिए स्क्रीनिंग की प्रक्रिया पूरी कर साक्षात्कार की तैयारी है। इसी महीने या मई प्रथम सप्ताह तक साक्षात्कार पूरा होने की बात कही जा रही है।
सेलेक्शन प्रक्रिया से जुड़े एक वरिष्ठ प्रोफेसर ने बताया कि संस्कृत, दर्शन शास्त्र, अंग्रेजी, हिन्दी, दृश्य कला आदि विभागों के लिए भी सेलेक्शन कमेटी बुलाने से पहले की प्रक्रिया अंतिम दौर में है।
एक्सपर्ट मिल गए तो मई में इन विभागों के लिए भी सेलेक्शन कमेटी की तारीख घोषित कर दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि अड़चन नहीं आई तो जून के पहले सप्ताह तक सभी विषयों के रिजल्ट तैयार कर लिए जाएंगे। इसके बाद किसी भी समय कार्य परिषद की बैठक बुला रिजल्ट घोषित किया जा सकेगा।
खाली रह जाएंगे प्रोफेसर के पद
विश्वविद्यालय में भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी कई विभागों में प्रोफेसर के पद खाली रह जाएंगे। गणित, विज्ञान के अन्य विषयों, विधि समेत अधिकतर सब्जेक्ट के लिए सीट के बराबर भी योग्य उम्मीदवार नहीं मिले।
कर्मचारी भर्ती का भी रास्ता साफ
विश्वविद्यालय में कर्मचारियों की भर्ती का रास्ता साफ होता दिख रहा है। विश्वविद्यालय को ओबीसी कोटे के तहत कर्मचारियों के 80 पद मिले हैं।
इसके अलावा तकरीबन सवा सौ पद कर्मचारियों के रिटायर होने के बाद खाली हुए हैं लेकिन विश्वविद्यालय में वर्षों से कोई नियमित भर्ती नहीं हुई है। इसलिए मान्य नियमावली भी नहीं है।
इसलिए भर्ती प्रक्रिया लटकी रही लेकिन कमेटी ने अब नियमावली तैयार कर ली है। इसे कार्य परिषद की आगामी बैठक में रखा जाएगा। कार्य परिषद की स्वीकृति के बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।