वाशिंगटन। सोमवार को बोस्टन धमाकों के बाद कुछ जल्दबाज सोशल मीडिया यूजर्स ने ब्राउन यूनिवर्सिटी के भारतीय छात्र सुनील त्रिपाठी को संदिग्ध बना दिया। यहां तक कि इंटरनेट यूजर्स ने पुलिस की ओर से जारी संदिग्ध की तस्वीर के साथ सुनील की फोटो वेबसाइट पर डालकर यह भी साबित करने की कोशिश की थी कि यही असली संदिग्ध है।
इसके बाद कानपुर के मूल निवासी सुनील के बोस्टन धमाकों का संदिग्ध होने की बात जंगल की आग की तरह फैलनी शुरू हो गई। नेटीजन ने इंटरनेट पर प्रतिक्रिया भी देनी शुरू कर दी। हालांकि, बाद में पता चला कि त्रिपाठी संदिग्ध नहीं है।
ब्राउन विश्वविद्यालय का 22 वर्षीय छात्र सुनील त्रिपाठी 16 मार्च से लापता है। गुरुवार रात कुछ लोगों ने उसके संदिग्ध नंबर दो होने की अफवाह उड़ाई। सबसे पहले सोशल साइट रेडिट पर सुनील को संदिग्ध बताया गया। इसके बाद कामी मतोली ने ट्वीट कर उसे दोहरे धमाकों का संदिग्ध बताया। एक न्यूज वेबसाइट के मुताबिक मतोली सुनील को हाई स्कूल से जानती थी।
इस पर लेखिका तस्लीमा नसरीन ने ट्वीट किया, मैं जानना चाहती हूं कि आखिर सुनील त्रिपाठी आतंकवादी कैसे बना। अब क्या हमें एक गैरमुस्लिम आतंकी को आतंकवादी कहना चाहिए या फिर एक पागल आदमी। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया है, सुनील त्रिपाठी मामले में असफलता के बावजूद सोशल मीडिया यूजर्स अब भी यह मानते हैं कि भगवान ने उन्हें पहले ट्वीट करने और बाद में पुष्टि करने का हक दिया है।
शुक्रवार को सुनील के संदिग्ध होने की बात उस समय अफवाह साबित हो गई जब स्थानीय मीडिया ने बताया कि दोनों संदिग्ध चेचन्या के नजदीकी इलाके के भाई हैं और करीब एक साल से अमेरिका में थे। एक अन्य वेबसाइट ग्लोबल ग्रिंड ने कहा कि सुनील त्रिपाठी संदिग्ध नहीं है, लेकिन वह अब भी लापता है। सुनील को व्यक्तिगत समस्याओं के चलते अस्थायी तौर पर ब्राउन यूनिवर्सिटी से निकाल दिया गया था। फिर वह मोबाइल, क्रेडिट कार्ड, आइडी और अन्य चीजें अपार्टमेंट में ही छोड़ गायब हो गया था।