2जी घोटाले की जांच कर रही सीबीआई का शिंकजा शाहिद बलवा पर और कसेगा.
सीबीआई द्वारा स्वान टेलीकॉम को लेकर स्विट्जरलैंड स्थित कंपनी के बारे में वहां भेजे गए लेटर ऑफ रेटरोगेटरी (एलआर) का जवाब दो दिन पहले सीबीआई को मिल गया. इसमें कहा गया है कि स्विट्जरलैंड स्थित कुछ कंपनियों ने भारत की कुछ निजी टेलीकॉम कंपनियों में धन का निवेश किया था.
शाहिद बलवा पर कसेगा शिंकजा
सूत्रों के अनुसार सीबीआई के आग्रह पर न्यायालय के आदेश पर भेजे गए एलआर का जवाब स्विट्जरलैंड सरकार ने भेज दिया है. सीबीआई एलआर में मौरिसस स्थित डेल्फी कंपनी के बारे में जानना चाहती थी. सीबीआई ने 2जी घोटाले की जांच के दौरान पाया था कि शाहिद बलवा की स्वान टेलीकॉम में मौरिसस स्थित डेल्फी कंपनी ने भी पैसा लगाया है.
सीबीआई ने स्विटजरलैड सरकार से विदेश स्थित कुछ और कंपनियों के बारे में जानकारी मांगी थी. इन्होंने स्वान टेलीकॉम सहित कुछ निजी कंपनियों में अपना फंड ट्रांसफर किया था.
सूत्रों के अनुसार एलआर का जवाब तो आ गया है, लेकिन यह जर्मन भाषा में है, जिसे अंग्रेजी में ट्रांसलेट कराया जा रहा है. सूत्रों के अनुसार सीबीआई की जांच में खुलासा हुआ है कि पूर्व संचार मंत्री ए राजा के कार्यकाल में स्विटजरलैंड, मौरिसस और ब्रिटिश वर्जिन आइसलैंड स्थित कुछ कंपनियां आपस में जुड़ी हुई थीं. ये कंपनियां भारत स्थित कुछ निजी टेलीकॉम कंपनियों से जुड़ी थीं. ये वे निजी टेलीकॉम कंपनियां हैं, जो 2जी आवंटन के दौरान सक्रिय थीं.
इन कंपनियों को स्विटजरलैंड, मौरिसस और ब्रिटिश वर्जिन आइसलैंड स्थित कंपनियों ने अपनी सब्सिडियरी कंपनियों के जरिए गलत तरीके से फंडों को ट्रांसफर कर इन्हें स्पैट्रम आवंटन में फायदा पहुंचाया. सूत्रों के अनुसार स्विटजरलैंड सरकार से प्राप्त दस्तावेज को लेकर जरूरत पड़ी तो सीबीआई कानूनी मदद भी लेगी.
सीबीआई को मिली अहम जानकारियां
सूत्रों के अनुसार सीबीआई के स्केनर पर मौरिसस स्थित जो कंपनियां हैं, वे हैं एटीस्लाट, मौरिसस लिमिटेड, डेल्फी इंवेस्टमेंट लिमिटेड, एपैक्स फंड सर्विस (मौरिसस) लिमिटेड, माबी इंवेस्टमेंट लिमिटेड, कैपिटल ग्लोबल लिमिटेड, ब्लैक लॉयन लिमिटेड, कैफ इंवेस्टमेंट लिमिटेड, एल्ट्रो इंवेस्टमेंट लिमिटेड.
सूत्रों के अनुसार सीबीआई की जांच में खुलासा हुआ है कि स्वान टेलीकॉम ने जान-बूझकर 1,07,91,000 शेयर का हस्तांतरण मौरिसस की एक कंपनी में 5 दिसम्बर, 2007 को किया. यह ट्रांसफर तब किया गया जब स्वान ने यूएएस लाइसेंस का आवेदन जमा किया था. इसमें कई तकनीकी बातों का उल्लंघन किया गया.