कोलकाता। एसएफआई संगठन से जुड़े छात्र सुदीप्त गुप्ता की मौत के मुद्दे ने तूल पकड़ा तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उस अस्पताल पहुंची जहां सुदीप्त का शव रखा गया है। लेकिन ममता को अस्पताल से बैरंग लौटना पड़ा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गाड़ी से उतरकर आगे बढ़ीं लेकिन जैसे ही उन्होंने नारों की आवाज सुनी, वे बिना किसी से मिले वापस लौट गईं। इसके बाद पुलिस मुख्यालय पहुंचीं और पूरे मामले की जानकारी ली। वामपंथी छात्र की मौत पर दीदी ने अफसोस जताते हुए कहा कि कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कालेज चुनाव को निलंबित करने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ मंगलवार को एसएफआई समर्थकों ने कानून तोड़ो आंदोलन का आयोजन किया था। इस दौरान गिरफ्तार एक एसएफआई समर्थक की पुलिस हिरासत में मौत हो गई। मृतक की पहचान सुदिप्त गुप्ता के रूप में हुई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार दोपहर 2 बजकर 15 मिनट में रानी रासमणि रोड में हजार की संख्या में एसएफआई समर्थकों ने कानून तोड़ कर गिरफ्तारी दी। गिरफ्तार छात्रों में 22 महिलाओं समेत 331 लोग शामिल थे। सभी गिरफ्तार लोगों को बारह अलग-अलग गैरसरकारी बस से अलीपुर के प्रेसीडेंसी जेल ले जाया जा रहा था। बस नम्बर डब्लूबी 11 बी 2782 में 30 से 35 छात्र थे। उनके साथ बस में एक पुलिसवाला व एक होमगार्ड भी था। अलीपुर पहुंचते ही बस में सवार सभी गिरफ्तार छात्र बस के दरवाजे के पास आ कर नारेबाजी करने लगे। इसी दौरान बस दायीं तरफ घूमी और सुदिप्त बस के दरवाजे से बाहर गिर गया और पास ही एक लैंप पोस्ट संख्या 37 से टकरा गया। उसके साथ गेट के पास खड़ा देवाशीष नंदी भी बस से नीचे गिर पड़ा। घटना से नाराज अन्य छात्रों ने कोलकाता पुलिस के होमगार्ड को बस से उतार कर बुरी तरह पीटा। गंभीर अवस्था में घायल होमगार्ड विश्वजीत मंडल को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
वहीं बस से गिरे दोनों एसएफआई समर्थकों को लहूलुहान हालत में एसएसकेएम अस्पताल लाया गया, जहां सुदिप्त की शाम को इलाज के दौरान मौत हो गई। जबकि देवाशीष के सिर पर एक टांका लगा उसे छोड़ दिया गया। मृतक एसआईएफ समर्थक नेताजी नगर कालेज का पूर्व छात्र था। जबकि देवाशीष कोन्नगर कालेज का छात्र है।