प्रदेश सरकार कितने भी दावे कर रही हो लेकिन अब हालात काबू से बाहर होते जा रहे हैं स्थिति यह हो गई है कि केंद्रीय मंत्री, सांसद और पूर्व सेनाध्यक्ष को भी जिलाधिकारी को ट्वीट कर मदद मांगनी पड़ रही है और उन्हें भी जवाब में हेल्पलाइन पर बात करने की सलाह मिल रही है।

हालांकि उसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने ट्वीट करते हुए डीएम द्वारा उनको बाद फोन करने की बात कही है । लेकिन यह नजारा है गाजियाबाद जैसे शहर में अस्पतालों में प्रशासन की नाकामी का यह साबित कर रहा है कि स्थिति इतनी गंभीर है कि एक सांसद केंद्रीय मंत्री को भी लोगो के लिए बेड लेने के लिए डीएम को ट्वीट करना पड़ रहा है। तो ऐसे में आम जनता कैसे पाएगी या किस्से बेड लेने के लिए गुहार लगाए।
गाजियाबाद में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर एक बड़े एक्शन की सख्त जरूरत है ताकि लोगों की जिंदगी बचाई जा सके