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यूपी: खुलने वाला है सरकारी नौकरियों का पिटारा

प्रदेश सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए विकास कार्यों की प्राथमिकता का एजेंडा तय कर दिया है।

समय से पहले लोकसभा चुनाव की आहट के बीच सरकार ने विभिन्न विभागों में खाली चल रहे पदों पर भर्तियों को इस साल अपनी प्राथमिकता में शामिल किया है।

शिक्षक, कांस्टेबल, उपनिरीक्षक, लेखपाल, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी व अन्य पदों पर बड़ी संख्या में भर्तियों की तैयारी है। यही नहीं सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में करीब दो दर्जन नई नीतियां लाने या पुरानी नीतियों में बदलाव का फैसला किया है।

नई नीतियों के जरिये ज्यादा से ज्यादा रोजगार के रास्ते तैयार करने पर अधिक जोर है। अनुदेशक नियमावली में संशोधन करते हुए अनुदेशकों के रिक्त पदों को भरने का फैसला भी एजेंडे में शामिल है। प्रदेश में बैंकों की 3,000 नई शाखाएं खोलना भी प्राथमिकताओं में है। इनमें से 300 नई बैंक शाखाओं का उद्घाटन हाल में केंद्रीय वित्तमंत्री पी चिदंबरम कर चुके हैं।

मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने वर्ष 2013-14 में विभिन्न विभागों के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता के करीब पौने दो सौ बिंदुओं का एजेंडा जारी किया है। इसमें सूबे के विकास के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने को पहले बिंदु के रूप में शामिल किया गया है। वित्त विभाग को 72,861 करोड़ रुपये कर संग्रह का लक्ष्य मिला है।

केंद्र सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों में अधिकाधिक केंद्रीय सहायता हासिल करना एजेंडा का दूसरा मुख्य बिंदु है। इसमें मनरेगा, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, जेएनएनयूआरएम, नेशनल ई-गवर्नेंस योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा, एसएसए, आरटीई, एनएचआरएम सहित केंद्रीय सहयोग से चलने वाली 26 योजनाएं शामिल हैं।

एजेंडे में पिछले साल घोषित कई नई नीतियों के क्रियान्वयन पर जोर देने के साथ ही इस साल कई और नीतियां लाने और कई अधिनियमों में संशोधन की योजना की मंशा भी जाहिर की गई है। यह एजेंडा सभी विभागाध्यक्षों को भेज दिया गया है।

इस साल आएंगी ये प्रमुख नीतियां
:- कृषि उपज की विपणन व्यवस्था में सुधार के लिए कृषि उत्पादन मंडी अधिनियम में संशोधन
:- औद्योगिक इकाइयों के लिए भूमि आवंटन नीति
:- जनोपयोगी अवस्थापनाएं विकसित करने के लिए सरकारी विभागों और संस्थाओं के पास उपलब्ध जमीन के आदर्श उपयोग की नीति
:- ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी भूमि के सेटलमेंट की नीति
:- राजस्व संहिता- 2006 की नियमावली बनाई जाएगी
:- सार्वजनिक निजी क्षेत्र सहभागिता नीति (पीपीपी) का पुनरीक्षण
:- मत्स्य विकास नीति
:- ग्रामीण सड़कों के रखरखाव के लिए नीति
:- राज्य अनाज भंडारण नीति। भंडारण क्षमता विकसित करने पर होगा जोर
:- उच्च शिक्षा व चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में निजी निवेश आकर्षित करने के लिए अलग-अलग नीतियां बनाकर शिक्षण संस्थाओं का विस्तार
:- विभिन्न विकास क्षेत्रों में विकास शुल्क, नगरीय विकास शुल्क और भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क की दरों को युक्तिसंगत बनाते हुए नई नियमावलियां
:- निजी पूंजी निवेश के जरिये समाज के विभिन्न आय वर्गों को आवासों की आपूर्ति बढ़ाने के लिए इंटीग्रेटेड टाउनशिप नीति को फिर से तैयार कर लागू किया जाएगा
:- कंप्यूटर द्वारा स्कैनिंग के माध्यम से दस्तावेज के रजिस्ट्री संबंधी नियमावली- 2002 की जगह नई नियमावली
:- भू-अभिलेखों में नामांतरण की प्रक्रिया का सरलीकरण
:- पुलिस विभाग में कांस्टेबल, उपनिरीक्षक, निरीक्षक और क्षेत्राधिकारियों के लिए स्थानांतरण और प्रशिक्षण की अलग-अलग नीतियां

राज्य पोषण मिशन की स्थापना होगी
प्रदेश सरकार ने नहरों की सफाई की पारदर्शी व्यवस्था बनाने के लिए सोशल ऑडिट सुनिश्चित करने को एजेंडे में शामिल किया है। इसके अलावा कई निधियों के गठन या तर्कसंगत पुनर्गठन का लक्ष्य है। चालू वित्तीय वर्ष में डेडीकेटेड अर्बन ट्रांसपोर्ट फंड, उत्तर प्रदेश अवस्थापना विकास निधि की स्थापना की जाएगी। साथ ही व्यापार विकास निधि का तर्कसंगत पुनर्गठन होगा। राज्य पोषण मिशन की स्थापना भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इसके माध्यम से महिलाओं और शिशुओं के पोषण की योजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन किया जाएगा।

हर किसान तक पहुंचेगा क्रेडिट कार्ड
प्रदेश सरकार ने इस साल हर किसान को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने का फैसला किया है। किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने के लिए एग्रीकल्चर मार्केटिंग हब और नवीन मंडियों की स्थापना, आलू की खेती के समग्र विकास के लिए नीति निर्धारण के साथ ही अपना बाजार का विकास किया जाएगा। दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए लखनऊ में डेरी प्लांट की स्थापना, सहकारिता के जरिये दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना और कुक्कुट पालन को बढ़ावा भी एजेंडे में शामिल है।

सामाजिक व प्रशासनिक कार्यों में ई-सुविधा पर रहेगा जोर
सभी प्रकार की छात्रवृत्ति, शुल्क प्रतिपूर्ति, सामाजिक सहायता पेंशन का वितरण इंटरनेट आधारित प्रणाली पर होगा। श्रम विभाग में विभिन्न श्रम अधिनियमों के तहत पंजीयन, नवीनीकरण, लाइसेंसिंग की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जाएगा। प्रदेश के 151 उपनिबंधन कार्यालयों व रजिस्ट्रेशन विभाग की ओर से जनोपयोगी सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएंगी।

ई-स्टापिंग नियमावली प्रभावी की जाएगी और सचिवालय में पत्रावलियों पर बार कोडिंग करते हुए फाइल ट्रैकिंग व्यवस्था लागू की जाएगी। शासनादेशों को ऑनलाइन जारी करने के साथ इंटरनेट पर अपलोड करने की व्यवस्था लागू होगी। वाहनों के आनलाइन टैक्स जमा करने और पूरे प्रदेश में स्मार्ट कार्ड आधारित ड्राइविंग लाइसेंस व वाहनों की पंजीकरण व्यवस्था लागू होगी।

राजस्व न्यायालयों का कंप्यूटरीकरण होगा। यहां तक कि भू-मानचित्रों का डिजिटलाइजेशनल और कंप्यूटराइजेशन होगा। गाजियाबाद, कानपुर, इलाहाबाद और लखनऊ में इसी साल अत्याधुनिक कंट्रोल रूम स्थापित होंगे। प्रदेश के कोषागारों में समस्त भुगतान ई-पेमेंट किए जाएंगे। परिवहन निगम में बेहतर यात्री सुविधा के लिए इंटेलीजेंट ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम लागू होगा।

महिलाओं के स्वास्थ्य का खास ध्यान
प्रदेश सरकार ने इस साल महिला चिकित्सालयों में मैटरनिटी विंग की स्थापना पर खासा जोर देने का फैसला किया है। 50 महिला जिला चिकित्सालयों में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त 100 बेड के मैटरनिटी विंग का निर्माण होगा। राजधानी में 200 बेड के मातृ एवं शिशु चिकित्सालय का निर्माण होगा।

क्वीन मेरी हास्पिटल लखनऊ और एसएन मेडिकल कॉलेज आगरा में 100-100 बेड की अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त मैटरनिटी विंग्स का निर्माण होगा। एसजीपीजीआई लखनऊ में नया ट्रामा सेंटर बनेगा। केजीएमयू के शताब्दी चिकित्सालय और नोएडा में बच्चों के लिए सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा संस्थान की स्थापना भी होगी।

NCR Khabar News Desk

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