लंदन में हुई जी-8 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में युद्ध के दौरान बलात्कार का हथियार के रूप में इस्तेमाल रोकने के प्रति वचनबद्धता जताई है।
इन देशों के विदेश मंत्रियों ने लंदन में हुए सम्मेलन में बताया कि संघर्ष वाले इलाकों में यौन हिंसा खत्म करने के लिए कदम उठाए जाएँगे।
ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने कहा है कि संघर्ष वाले इलाकों में यौन हिंसा बहुत बड़ा अन्याय है जो अकल्पनीय तकलीफ लेकर आता है।
इस मुद्दे से निपटने के लिए जी-8 देश तीन करोड़ 40 लाख डॉलर की राशि देगा।
यौन हिंसा से जुड़े मामलों में संयंक्तु राष्ट्र की विशेष दूत ज़ैनब बंगूरा ने कहा कि जो लोग ऐसे अपराध करते हैं उन्हें सज़ा होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, “संघर्षरत इलाकों में यौन हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऐसे अपराधों की जवाबदेही सुनिश्चित के लिए अंतरराष्ट्रीय कायदों का इस्तेमाल किया जाएगा। अपराधियों के लिए न माफी न छिपने लायक जगह होनी चाहिए।”
शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत और अभिनेत्री एंजलीना जोली ने भी अपनी बात रखी। उनका कहना था, “मैं इस बात का स्वागत करती हूँ कि संघर्ष वाले इलाकों में यौन हिंसा को जेनेवा कन्वेनशन का उल्लंघन माना जाएगा।”
उत्तर कोरिया पर चिंता
यौन हिंसा के अलावा जो मुद्दा जी-8 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक पर छाया रहा वो था उत्तर कोरिया का मामला।
इन देशों ने उत्तर कोरिया के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों की कड़े शब्दों में निंदा की है।पिछले कुछ हफ्तों से कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव का माहौल चल रहा है।
लंदन में हुई बैठक में विदेश मंत्रियों ने सीरिया में जारी संघर्ष से उपजे मानवीय संकट पर भी चिंता जताई।
जी-8 देशों में अमरीका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, जापान, इटली, कनाडा और रूस शामिल है।
इस समय जी-8 की अध्यक्षता ब्रिटेन के पास है।सम्मेलन के बाद ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने बताया, “हमने उत्तर कोरिया को लेकर उपजी स्थिति का जायज़ा लिया है। हमने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम के लिए उत्तर कोरिया की निंदा की है। अगर उत्तर कोरिया ने एक और मिसालल लॉन्च की या परमाणु परीक्षण किया तो गुट अहम कदम उठा सकता है।”
संवाददाताओं का कहना है कि जापान चाहता था कि कोरिया को लेकर कोई कड़ा बयान आएगा। उत्तर कोरिया की ओर से संकेत आया है कि वो मिसाइल टेस्ट की तैयारी कर रहा है। इसके बाद दक्षिण कोरिया ने अलर्ट का स्तर बढ़ा दिया है।
उत्तर कोरिया ने दो मिसाइलें पूर्वी तट की ओर भेज दी हैं। अनुमान है कि इनकी रेंज चार हज़ार कीलोमीटर तक है।
इसका मतलब ये हुआ कि ये मिसाइल गुयाम में अमरीकी अड्डों तक मार कर सकती है। हालांकि ये पता नहीं है कि उत्तर कोरिया की इन मिसाइलों का पहले टेस्ट हुआ है या नहीं।
तीसरे परमाणु परीक्षण के बाद लगे संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों के बाद उत्तर कोरिया ने अपनी बयानबाज़ी तेज़ कर दी है।
हालांकि पिछले कुछ दिनों से वहाँ का मीडिया थोड़े छुट्टियों वाले मूड में है क्योंकि सोमवार को देश के संस्थापक किम द्वितय संग का जन्मदिन है। इसी दिन उत्तर कोरिया मिसाइल परीक्षण भी कर सकता है।
source:BBC