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नोएडा को मिला विशेष शहर का दर्जा

नोएडा। प्रदेश के शो विंडो को एक और खिताब से नवाजा गया है। नोएडा को विशेष शहर का दर्जा देते हुए चौबीस घंटे बिजली आपूर्ति वाली सूची में शामिल किया गया है। प्रदेश में लखनऊ के साथ सिर्फ नोएडा स्थाई सूची में शामिल हुआ है, जिसमें 24 घंटे बिजली आपूर्ति का रास्ता साफ हुआ है। हालांकि इसकी एवज में लोगोें को थोड़ा ज्यादा पैसा चुकाना पड़ेगा। 22 अप्रैल को बिजली विभाग में जनसुनवाई के बाद बढ़े दरों को लागू करने के साथ ही 24 घंटे बिजली सप्लाई की तिथि तय कर दी जाएगी।
प्रदेश में बिजली को लेकर नई रणनीति बनाने का काम चल रहा है। डिमांड और सप्लाई में अंतर आने के कारण सारे जिलों में कटौती से हाहाकार मच गया है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने दरों को बढ़ाने का निर्णय लिया, जिसके बाद बिजली नियामक आयोग ने भी इस पर मोहर लगा दी है। इसी बीच प्रदेश के जिलों को अलग-अलग श्रेणी में बांटकर आपूर्ति की जाएगी। ऐसे में नोएडा और लखनऊ स्थाई सूची में शामिल किए गए हैं। इन्हें विशेष शहर का दर्जा विद्युत निगम ने दिया है। नई दरों की घोषणा जल्द कर दी जाएगी। इसके साथ ही गाजियाबाद में बिजली सप्लाई के निजीकरण करने की तैयारी है। इस पर परामर्शदाता की राय मांगी गई है, हालांकि पहले गाजियाबाद को भी स्थाई श्रेणी में शामिल किए जाने की योजना थी, लेकिन निजीकरण का प्रस्ताव आने के बाद इसे श्रेणी से बाहर कर दिया गया है।
पश्चिमांचल विद्युत निगम के अधीक्षण अभियंता सीएल गुप्ता ने बताया कि नई दरें 5.25 रुपये प्रति यूनिट तक जाएंगी। यह आवासीय क्षेत्र के लिए होगा। हालांकि, औद्योगिक, वाणिज्य और संस्थागत क्षेत्रों की दरों का निर्धारण अभी किया जा रहा है। वहीं, विशेष दर्जा मिलने के बाद दिल्ली से भी 150 मेगावाट बिजली ली जा सकती है। इसके बाद शहर में बिजली सप्लाई की समस्या समाप्त हो जाएगी।
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क्या है स्थाई होने का फंडा
प्रदेश की मौजूदा सरकार ने जिलों के हिसाब से एक सूची तैयार की है। इसमें दो जिलों को स्थाई और नौ को अस्थाई दर्जा दिया गया है। स्थाई का दर्जा मिलने के बाद चौबीस घंटे बिजली आपूर्ति दी जाएगी। वहीं, दूसरी तरफ चार जिलों का निजीकरण प्रस्ताव आ गया है, जबकि नौ जिलों को वीवीआईपी आवाजाही के कारण अस्थाई दर्जा दिया गया है।

पिछली सरकार में रहा नो कट जोन
नोएडा पर विशेष ध्यान देते हुए पिछली सरकार ने भी इसे नो कट जोन में शामिल कर रखा था। मार्च 2012 के बाद नई सरकार के बनने पर नीति निर्धारण का काम चला, जिसकी वजह से शहर में जमकर कटौती की गई। हालांकि, इसमें सबसे ज्यादा परेशानी औद्योगिक सेक्टर को उठानी पड़ी थी।

आपूर्ति न होने पर कटौती
पश्चिमांचल विद्युत निगम के अफसरों का कहना है कि नोएडा से सबसे ज्यादा राजस्व मिलता है। ऐसे में यहां पर बिजली सप्लाई देने में कोई दिक्कत नहीं है। अगर उत्पादन केंद्रों से ही बिजली नहीं मिलेगी तो कटौती करनी पड़ेगी। वहीं, दूसरी तरफ साल दर साल नोएडा की बढ़ती आबादी के कारण मांग भी बढ़ रही है, जिससे कटौती होती है।

क्या बोले उद्यमी

बिजली की सप्लाई रहे भरपूर
बिजली की सप्लाई भरपूर रहने से लोगों के साथ विभाग को भी राहत रहेगी। ज्यादा खपत से ज्यादा राजस्व मिलेगा, जिससे अन्य चीजों की पूर्ति आसानी से की जा सकेगी। -प्रदीप मेहता

अधिक पैसे देने को हैं तैयार
अगर चौबीस घंटे बिजली मिलती है तो अधिक पैसे देने में कोई गुरेज नहीं है। इससे कम से कम फैक्ट्रियों के उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ेगा, जिससे शुल्क की वसूली हो सकेगी। लेकिन यह भी ध्यान रखना होगा कि 24 घंटे बिजली सप्लाई कहीं कागजी न रह जाए। -एनके खरबंदा

डीजल की खरीद से बचेंगे
महंगी बिजली चौबीस घंटे मिले तो डीजल खरीदने से बच जाएंगे। इससे दोहरी मार नहीं झलनी पड़ेगी। अभी बिजली के बिल के साथ डीजल भी खरीदना पड़ता है, जो बहुत ज्यादा महंगा पड़ता है। -विनीत कत्याल

अन्य खर्चे में होगी कटौती
बिजली आपूर्ति ठीक होने के बाद अगर दरें बढ़ाई जाती हैं तो कष्ट नहीं होगा। अन्य खर्चे में कटौती होने से आम उपभोक्ताओं को कुल मिलाकर राहत ही रहेगी। सबसे बड़ी बात है कि बिजली पूरी मिले। -राकेश जैन

NCR Khabar News Desk

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