बीएसपी नेता दीपक भारद्वाज के मर्डर में उनके छोटे बेटे नितेश भारद्वाज को सोमवार शाम गिरफ्तार कर लिया गया। एक वकील को भी पकड़ा गया है, जो प्रॉपर्टी डीलिंग भी करता है। इस केस में दीपक भारद्वाज की पत्नी के रोल की जांच की जा रही है। मंगलवार को स्वामी प्रतिभानंद को गिरफ्तार कर लिए जाने की संभावना है।
पुलिस ने बताया कि नितेश ने वारदात में अपना गुनाह कबूल कर लिया है। वह अपने पिता से इतना नाराज था कि पुलिस पूछताछ में अपना गुस्सा काबू नहीं कर सका। नितेश ने पुलिस को बताया कि उसने पिता के मर्डर के लिए छह करोड़ रुपए में कॉन्ट्रैक्ट दिया था, हालांकि पुलिस तीन करोड़ में सुपारी देने का दावा कर रही है।
नितेश ने यह सुपारी अपने जानकार वकील बलजीत सिंह सहरावत को दी थी। महिपालपुर निवासी सहरावत की जान-पहचान स्वामी प्रतिभानंद से थी। सहरावत ने स्वामी से इस सिलसिले में बात की। पुलिस के मुताबिक, चीटिंग के आरोपों में घिरे रहे स्वामी को बलजीत ने यह मर्डर कराने के लिए दो करोड़ रुपये देने की पेशकश की। स्वामी तैयार हो गया। उसके पास पुरुषोत्तम उर्फ मोनू आता-जाता रहता था। आउटर दिल्ली में कई वारदातों में शामिल रहे मोनू से स्वामी ने बात की। स्वामी ने दीपक भारद्वाज के मर्डर करने के बदले एक करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव दिया। मोनू तैयार हो गया। उसने अपने दोस्त सुनील मान से बात की। मोनू ने सुनील को सिर्फ 30 लाख रुपये की सुपारी मिलने की बात बताई थी ताकि मोटी रकम वह खुद रख सके।
पुलिस के मुताबिक, यह प्लान पिछले साल नवंबर में ही बन चुका था। मोनू और सुनील ने तय किया कि दीपक का मर्डर उस वक्त किया जाएगा, जब वह दिल्ली से बाहर होंगे। नितेश अपने पिता के मूवमेंट और लोकेशन की खबर स्वामी प्रतिभानंद को देने लगा। जनवरी में दीपक भारद्वाज हरिद्वार गए। नितेश से स्वामी को यह सुराग मिलने पर दोनों शूटर हरिद्वार पहुंच गए। दोनों ने वहीं मर्डर की पूरी तैयारी कर ली थी, लेकिन तय वक्त से पहले ही अचानक भारद्वाज वहां से निकल गए और साजिश कामयाब नहीं हो सकी।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि इसके दो महीने बाद तक दीपक भारद्वाज दिल्ली से बाहर नहीं गए तो आरोपियों का धीरज जवाब देने लगा। इसके बाद तय किया गया कि दीपक की हत्या दिल्ली में ही कर दी जाए, लेकिन उन्हें निशाना फार्म हाउस से बाहर बनाया जाए। मार्च के पहले हफ्ते में दोनों शूटरों को खबर दी गई कि भारद्वाज किसी से मिलने जा रहे हैं। मोनू और सुनील पहुंचे लेकिन इस बार भी कामयाब नहीं हो सके। स्वामी ने मोनू को धिक्कारा तो उसने फार्म हाउस के अंदर ही मर्डर करने का फैसला कर लिया। तीसरी कोशिश में 26 मार्च को दीपक भारद्वाज की किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया और हमलावरों ने साउथ दिल्ली स्थित उनके फार्म हाउस के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी।
‘मेरे पिता इसी के काबिल थे’
बीएसपी नेता दीपक भारद्वाज के बेटे नितेश ने का कहना है कि उसके पिता इसी तरह की मौत के काबिल थे। उसके मुताबिक ‘मेरे पिता मेरी मां और हम दोनों भाइयों का कोई ख्याल न कर दूसरी महिलाओं के साथ वक्त बिताते थे। वह खुद 30 एकड़ के फार्म हाउस में रहते थे और हमें मल्टिस्टोरी बिल्डिंग के एक फ्लैट में रहना पड़ रहा था। उन्हें यह जरा भी पसंद नहीं था कि हम फार्म हाउस में चले जाएं। उन्होंने हमें सख्त हिदायत दे रखी थी कि द्वारका के शिक्षा भारती स्कूल और नव संसद अपार्टमेंट के फ्लैट के अलावा उनकी किसी प्रॉपर्टी की तरफ आंख उठाकर भी न देखें, वरना अंजाम अच्छा नहीं होगा’।
नितेश ने पुलिस को बताया कि दीपक भारद्वाज के रिश्ते वेस्ट दिल्ली में रहने वाली एक महिला से लगातार बढ़ते जा रहे थे। वह महिला उम्र में दीपक भारद्वाज से 35 साल छोटी है। नितेश को यह खतरा था कि उसके पिता अपनी हजारों करोड़ की प्रॉपर्टी का बड़ा हिस्सा उस महिला को दे सकते हैं। नितेश ने पुलिस को बताया कि उसने काफी सोच-विचार किया, लेकिन प्रॉपर्टी बचाने का कोई तरीका उसे नहीं सूझ रहा था। आखिरकार उसने अपने जानकार बलजीत सहरावत से बात की।
बलजीत वकील होने के साथ-साथ प्रॉपर्टी डीलिंग भी करता था, लेकिन उसका कोई भी धंधा ठीक नहीं चल रहा था। उसे लगातार घाटा हो रहा था। नितेश ने बलजीत से कहा कि उसके पिता की हत्या हो जाए तो दोनों का संकट खत्म हो सकता है। बलजीत सहरावत ने नितेश से कहा कि उसके पिता का मर्डर तो वह करा देगा, लेकिन भारद्वाज की हैसियत देखते हुए खर्चा करोड़ों में होगा। नितेश ने बगैर देरी किए बलजीत को काम तमाम कराने के लिए कहा।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि नितेश ने बलजीत सहरावत से छह करोड़ रुपये में डील फाइनल की। बलजीत ने अपने जानकार साधु प्रतिभानंद उर्फ मछेंद्र नाथ से बात की। उसने साधु से मर्डर के बाद दो करोड़ रुपये पेमेंट देने का वादा किया। प्रतिभानंद को आश्रम का महंत बनने की बड़ी इच्छा अरसे से थी। वह झट तैयार हो गया। साधु इतना उत्सुक था कि मर्डर होने और पेमेंट मिलने से पहले ही हरिद्वार, इलाहाबाद, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के सोलन में वह आश्रम खरीदने के लिए घूम भी आया। इसके बाद उसने क्रिमिनल बैकग्राउंड के अपने शिष्य पुरुषोत्तम को यह सुपारी देकर दीपक भारद्वाज की हत्या करा दी। पुलिस को उम्मीद है कि प्रतिभानंद जल्द ही पकड़ा जाएगा।