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दीपक भारद्वाज मर्डर केस में मुख्य आरोपी पुरुषोत्तम अरेस्ट

नई दिल्ली। दिल्ली के अरबपति कारोबारी दीपक भारद्वाज हत्याकांड में दिल्ली पुलिस ने मुख्य आरोपी पुरुषोत्तम राणा को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं दूसरे आरोपी सुनील ने पटियाला कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। पुरुषोत्तम राणा और सुनील को पुलिस वसंतकुंज थाने ले आई है। जहां दोनों से वो पूछताछ कर रही है। दोनों को दो करोड़ की सुपारी दी गई थी। सूत्रों के मुताबिक पुरुषोत्तम और सुनील आज दोनों कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचे थे लेकिन पुलिस ने पुरुषोत्तम को कोर्ट के बाहर ही गिरफ्तार कर लिया जबकि सुनील भागने में कामयाब हो गया और कोर्ट नंबर 23 में उसने सरेंडर कर दिया। फिलहाल दोनों से पूछताछ की जा रही है।

गौरतलब है कि दीपक भारद्वाज हत्याकेस में दिल्ली पुलिस को बहुत बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। उसने मुख्य आरोपी पुरुषोत्तम को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में पुलिस की शक की सूई भारद्वाज के परिवार पर भी थी। दीपक भारद्वाज के परिवार के लोगों से पुलिस पिछले तीन दिन से पूछताछ कर रही थी। फिलहाल परिवार के लोगों में से पुलिस ने किसी को भी पूछताछ के बाद गिरफ्तार नहीं किया है। पुरुषोत्तम राणा को पुलिस ने आज सुबह गिरफ्तार किया है। जबकि दो लोग गेटवे व्हीकल का मालिक राकेश और दूसरा स्कोडा का ड्राइवर अमित को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था।

मालूम हो कि पुरुषोत्तम ने ही हत्याकांड को अंजाम देने के लिए अमित, सुनील और राकेश की मदद ली। अमित के पकड़े जाने के बाद पुलिस ने पुरुषोत्तम और सुनील की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी और तेज कर दी थी। सूत्रों के मुताबिक अमित ने इन दोनों के कई संभावित ठिकानों के बारे में पुलिस को बताया। पूछताछ में अमित ने पुलिस को बताया कि दीपक भारद्वाज की सुपारी देने वाले उसके रिश्तेदार के साथ पुरुषोत्तम की दिल्ली के कई अलग-अलग इलाकों में कई मीटिंग भी हुई थी। भारद्वाज की हत्या के लिए योजना बनाकर उसकी रेकी की गई। पहले हत्या सड़क या बाजार में करने का प्लान था, लेकिन दीपक के साथ हमेशा उसके सुरक्षाकर्मियों के होने की वजह से लगातार पीछा करने के बावजूद उसे मारने में वो कामयाब नहीं हुए। अंत में उन्होंने दीपक को उसके ही फार्म हाउस में मारने का प्लान बनाया। इस योजना में भारद्वाज के उस रिश्तेदार ने अहम भूमिका निभाई।

 

अमित ने पुलिस को बताया कि पुरुषोत्तम और सुनील ने घटना के एक दिन पहले अमित के यहां ही रात बिताई थी। इसी रात को दीपक के उस रिश्तेदार ने पुरुषोत्तम को बताया कि अगले दिन सुबह दीपक भारद्वाज अपने फॉर्म हाउस में बिना सुरक्षाकर्मी के होंगे। रिश्तेदार की इसी सूचना के बाद अगले दिन सुबह करीब सवा नौ बजे पुरुषोत्तम सुनील और अमित स्कोडा कार से फॉर्म हाउस पहुंचे। अमित कार में ही बैठा रह गया जबकि पुरुषोत्तम और सुनील ने दीपक भारद्वाज को गोली मारी और वहां से फरार हो गए।

आपको बता दें कि करीब 3 हजार करोड़ की प्रॉपर्टी के मालिक दीपक भारद्वाज की हत्या के मामले में पुलिस ने अबतक करीबन 70 लोगों से पूछताछ की। इसमें भारद्वाज की पत्नी और उनके बेटे भी शामिल हैं।

NCR Khabar News Desk

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