लद्दाख क्षेत्र में चीनी सैनिकों की घुसपैठ पर नरम रुख अपना रही यूपीए सरकार पर सोमवार को जबरदस्त सियासी फायरिंग हुई।
सरकार की सहयोगी पार्टी सपा के प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने यूपीए के सीने को छलनी करने का मोर्चा खोला। उन्होंने यूपीए सरकार को अब तक सबसे कायर, निकम्मी, डरपोक सरकार करार दे डाला।
मुलायम ने सरकार से चीनी सैनिकों को तत्काल खदेड़ने के लिए कार्रवाई करने मांग की।
सपा प्रमुख ने यूपीए की जमीर को ललकारने के अंदाज में कहा कि युद्ध होता है तो हो जाए लेकिन सरकार को सेना की मदद से चीनी घुसपैठियों को खदेड़ निकालना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हिंदी चीनी भाई भाई की बात का मुगालता नहीं पालना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान नहीं बल्कि चीन हमारा दुश्मन नंबर एक है।
पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव ने लोकसभा में लद्दाख में चीनी घुसपैठ का मामला उठाते हुए सरकार पर यह हमला बोला। उन्होंने ने घुसपैठ के बावजूद विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के चीन दौरे पर जाने की भी खिंचाई की।
सरकार को सदन में बीजेडी और तृणमूल कांग्रेस के भी तीखे हमलों का सामना करना पड़ा। विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि चीन के समक्ष घुटने टेक कर सरकार देश की दुनिया भर में बेइज्जती करा रही है।
केंद्र से कई मुद्दों पर खफा चल रहे सपा प्रमुख ने कहा कि वे बीते आठ साल से चिल्ला रहे हैं कि चीन भारत पर हमले की तैयारी कर रहा है।
इस सिलसिले में उन्होंने पीएम और रक्षामंत्री से भी कई बार मुलाकात की। मगर किसी ने इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया।
इसी मुद्दे पर बीजेडी के भतृहरि महताब और तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने भी सरकार की खिंचाई की। दोनों नेताओं ने कहा कि सीमा की रक्षा के मामले में कठोर रुख अपनाने के बदले सरकार अपनी कमजोरी दिखा कर देश का दुनिया भर में अपमान करा रही है।
क्या बोले मुलायम
सेना बार बार कह रही है कि वह घुसपैठियों को खदेड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस सबके बावजूद सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। इस विवाद के बीच विदेश मंत्री को चीन भेजने का फैसला करना बेहद शर्मनाक है। ऐसी कायर, डरपोक, कमजोर और निकम्मी सरकार अपने जीवन में नहीं देखी, जो कार्रवाई तो दूर संसद में बयान तक देने में डरती है।
– मुलायम सिंह यादव, सपा प्रमुख
क्या है मामला
15 अप्रैल को लद्दाख के दौलत बेग ओल्दी (डीबीओ) क्षेत्र में चीनी सैनिकों ने 19 किमी अंदर घुसकर तंबू गाड़कर कब्जा जमा लिया है। खबरों के अनुसार, क्षेत्र में चीनी तंबुओं की संख्या बढ़कर पांच हो गई है और इलाके में सैन्य प्रशिक्षित कुत्ते भी तैनात कर दिए गए हैं।
चीन की सीनाजोरी
चीन का भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ का यह पहला मामला नहीं है। इसके पहले भी वह कई बार लद्दाख, पूर्वोत्तर के इलाकों में घुसपैठ कर चुका है। भारतीय दावों के बावजूद बीजिंग हमारे क्षेत्र को अपना बताता है और घुसपैठ के आरोप का लगातार खंडन करता रहा है।
स्थानीय मसला मान रही है सरकार
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का कहना है कि चीनी घुसपैठ का मामला स्थानीय है और सरकार इस मामले को ज्यादा तूल नहीं देना चाहती है। वहीं दूसरी ओर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह का कहना है कि चीनी घुसपैठ के मामले को मीडिया बढ़ा चढ़ाकर पेश कर रहा है।
क्या चाहता है चीन
सूत्रों के मुताबिक भारतीय सीमा में 19 किमी भीतर घुसे चीन की शर्त है कि भारत एलएसी के पास वैंटेज प्वाइंट पर बने अपने बंकरों को तोड़ दे। इसी के बाद उसके सैनिक दौलत बेग ओल्डी से हटेंगे।
यह वैंटेज प्वाइंट लद्दाख में उस जगह पर है, जहां दो पहाड़ मिलते हैं। यहां से भारतीय सेना पीएलए के जवानों की हरकतों पर नजर रख सकती है। इस जगह पर चीन भी अपना दावा करता रहा है।