नई दिल्ली। अरबपति बिल्डर व बसपा नेता दीपक भारद्वाज की हत्या के मामले में बुधवार को नया खुलासा हुआ है। सूत्रों ने बताया है कि स्वामी हरियाणा के झज्जर निवासी प्रतिमानंद का भारद्वाज से प्रॉपर्टी को लेकर विवाद था और उसने ही हत्या के लिए 50 लाख से एक करोड़ रुपये की सुपारी दी।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दीपक भारद्वाज हत्याकांड में शामिल मुख्य शूटर पुरुषोत्तम राणा उर्फ मोनू ने पुलिस को बताया है कि भारद्वाज और स्वामी के बीच 30 एकड़ जमीन को लेकर विवाद था और स्वामी प्रतिमानंद ने ही राकेश मलिक के जरिए उसे हत्या की सुपारी दी थी। पेशे से पायलट राकेश हत्या में प्रयुक्त स्कोडा कार का मालिक है जिसे पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ पंजाब में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज है।
चूंकि पुरुषोत्तम कई बार अपने बयान बदल चुका है इसलिए पुलिस किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है। स्वामी से राकेश मलिक द्वारा सुपारी दिलाने की बात को प्रथमदृष्ट्या पुलिस सही मान रही है, क्योंकि सोमवार को पुलिस ने जब पुरुषोत्तम के बैंक खातों की जांच की तो एक खाता उसके नाम और दूसरा उसकी पत्नी के नाम पाया गया। पत्नी के खाते में 200 रुपये मिले जबकि पुरुषोत्तम के खाते में करीब छह लाख रुपये जमा करने और निकालने का ब्यौरा है।
माना जा रहा है कि अभी पुरुषोत्तम को छह लाख ही मिले थे। बाकी काम होने के बाद मिलना था। हत्या की साजिश अमित के घर पर रची गई।
पुलिस को इस वारदात में भारद्वाज के निजी सुरक्षा गार्ड सतीश सिंह व घटना के समय ड्यूटी पर तैनात गार्ड ब्रज किशोर सिंह व विनोद शर्मा समेत फार्महाउस के अन्य लोगों की भी संलिप्तता की आशंका है।
केस सुलझाने से ज्यादा श्रेय लेने की होड़
नई दिल्ली। शोभित मोदी, पोंटी चढ्डा और अब दीपक भारद्वाज हत्याकांड! दक्षिण जिले में हुई तीनों ही वारदात खासी चर्चित हुई। शोभित मोदी मर्डर केस आज भी अनसुलझा है, जबकि पोंटी चढ्डा केस क्राइम ब्रांच ने सुलझाया।
दीपक भारद्वाज मामला अभी भी सुर्खियों में है। अरबपति बिल्डर की हत्या से जुड़े ताजा मामले में दक्षिण जिला पुलिस की कार्यशैली एक बार फिर चर्चा का विषय बन गई है। एक ही आरोपी की गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग टीम का पहुंचना, पटियाला हाउस कोर्ट में आत्मसमर्पण करने पहुंचे सुनील मान उर्फ सोनू को अपन कब्जे में लेने के लिए एक ही जिले की दो टीमों में धक्कामुक्की आदि ऐसी कई बातें सामने आई हैं जिससे दक्षिण जिला पुलिस में समन्वय पर सवाल उठने लगे हैं। हालांकि दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्त छाया शर्मा इन आरोपों से इत्तेफाक नहीं रखतीं। उनका कहना है यह सही नहीं है।
पुलिस मुख्यालय में भी दक्षिण जिला पुलिस की यह कार्यशैली इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की मानें तो आपस में टीमों में समन्वय का अभाव साफ झलक रहा है। ऐसा लग रहा है जैसे जिले के कुछ इंस्पेक्टरों में श्रेय लेने की होड़ सी मची है। जिसे जहां पर मौका मिल रहा है दबिश के लिए निकल पड़ता है। दीपक भारद्वाज हत्याकांड के मुख्य शूटर पुरुषोत्तम राणा उर्फ मोनू की गिरफ्तारी को लेकर भी बाहरी दिल्ली एवं हरियाणा के कई इलाकों में दक्षिण जिला पुलिस की अलग-अलग टीमें एक साथ जा पहुंची थीं। बावजूद इसके दक्षिण जिला पुलिस की भारी भरकम पुलिस फोर्स पुरुषोत्तम और सुनील मान को गिरफ्तार नहीं कर पाई। पुरुषोत्तम को जहां क्राइम ब्रांच ने धर दबोचा वहीं सुनील अदालत में पहुंच गया। जहां से उसे दक्षिण जिला पुलिस के हवाले कर दिया गया। खास बात यह है कि जब सुनील को अदालत परिसर से बाहर लाया जा रहा था तो एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) के साथ वसंतकुंज पुलिस थाने की टीम उलझ गई। घटना की कवरेज कर रहे मीडिया के कैमरों में भी दोनों टीमों के बीच हो रही खींचतान रिकार्ड हुई है।
ज्ञात हो वसंतकुंज इलाके में 2011 में हुई इंजीनियरिंग छात्र शोभित मोदी की गुत्थी आज भी अनसुलझी है। मामले की जांच क्राइम ब्रांच को भी सौंपी गई। सूत्रों की मानें तो अदालत के आदेश पर जांच जब तक क्राइम ब्रांच के पास आई स्थानीय पुलिस सब गुड़गोबर कर चुकी थी। नवंबर 2012 में छतरपुर स्थित एक फार्म हाउस में हुई चढ्डा हत्याकांड की जांच भी जिला पुलिस से छीनकर क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई थी। उधर, अब दक्षिण जिला पुलिस पर दीपक भारद्वाज हत्याकांड की जांच के नाम पर लोगों को अवैध हिरासत में रखने के आरोप भी लगने लगे हैं।
बताया जा रहा है कि पुलिस ने करीब एक दर्जन लोगों को उठा रखा है। इनमें कई महिलाएं भी शामिल हैं। मंगलवार को पुरुषोत्तम राणा के पिता प्रेमचंद राणा ने आरोप लगाया कि पुलिस ने पुरुषोत्तम की पत्नी और उनके छोटे बेटे की पत्नी अंजू (दिल्ली यातायात पुलिस में कार्यरत) को पूछताछ के नाम पर वसंत विहार पुलिस थाने में बिठा रखा है। दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्त छाया शर्मा ने इन आरोपों को अफवाह बताया है। उनके अनुसार जांच चल रही है। पुलिस की कई टीमें जांच और छापेमारी में लगी हुई हैं।