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फैसले के मूड में थी भीड़ पटना एअरपोर्ट पर

21-04-2013-rapegudiyaदिल्ली में आग लगी थी, तो पटना भी सुलग रहा था। पटना एयरपोर्ट पर भीड़ का बस चलता तो रेप के आरोपी का फैसला आन द स्पाट कर देती। सुर्ख आंख और लाल भभूका चेहरा लोगों के गुस्से को बयां कर रहा था। कनपटी की खिंच रही नसें आक्रोश बताने को काफी थीं। गुस्सा और आक्रोश इस बात पर कि एक बार फिर बिहार शर्मशार हुआ है। हर हाल में रेपिस्ट को हवाले करने की मांग पूरी न हुई, तो पुलिस को ही निशाने पर रख लिया।

पुलिस ने बदला प्लान :

पुलिस भी मानती है कि लोगों के अंदर गुस्सा बहुत ज्यादा था। मनोज उनके हवाले हो जाता, तो कुछ भी हो सकता था। शायद यही कारण था कि पुलिस ने अपना प्लान तक बदल दिया। सिटी एसपी की गाड़ी रोके जाने के बाद यह साफ हो गया कि सबकी नजर से बचा कर ही आरोपी को एयरपोर्ट के अंदर ले जाना ठीक रहेगा। पुलिसिया रणनीति का नतीजा यह रहा कि अंतिम समय तक किसी को यह खबर ही नहीं लग पाई कि आरोपी को किस तरफ से एयरपोर्ट के अंदर ले जाया जाएगा।

दोपहर के तीन बजे थे। एयरपोर्ट के निकास गेट के सामने तेजी से पटना पुलिस की एक जिप्सी रुकती है। वाहन से उतरे कई जवान कस्टडी में लिए युवक को लेकर दौड़ते हैं और निकास द्वार से प्रवेश कर जाते हैं। प्रवेश द्वार पर मीडिया व तमाशबीनों की लगी भीड़ मुंह ताकती रह जाती है। ले गया-ले गया को शोर मचाते जब तक उस और दौड़े, सभी अंदर जा चुके होते हैं। आरोपी मनोज को उसकी ससुराल चिकनौटा से गिरफ्तार करने के बाद मुजफ्फरपुर में कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड पर लेने के बाद चली टीम लगभग सवा ग्यारह बजे पटना पहुंची। जिसके बाद दोपहर एक बजे दिल्ली से आए गांधी नगर थाने के दरोगा और दो कांस्टेबल के साथ आरोपी को शास्त्री नगर थाने में रखा गया। इधर, एयरपोर्ट पर अन्य कार्रवाई पूरी करने के लिए दोपहर लगभग 12 बजे सिटी एसपी जयंत कांत पहुंचे।

रेपिस्ट को हमारे हवाले करो : भीड़ उनसे मनोज के बाबत जानना चाह रही थी। उनके यह कहने पर कि अभी मनोज पटना पुलिस के हवाले नहीं किया गया है, आने पर बता देंगे। इतना सुनना था कि एएपी के दो-चार कार्यकर्ता आगबबूला हो गए और गाड़ी के आगे खड़े होकर रास्ता रोक दिया। पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। लोगों का कहना था कि बिहार को शर्मशार करने वाले रेपिस्ट को उनके हवाले किया जाए। इसके बाद दोपहर तीन बजे तक एयरपोर्ट पर नारेबाजी और हंगामे का दौर चलता रहा।

ब्यूरो आफ सिविल एविएशन नहीं दे रहा था अनुमति : विमान से ले जाने की अनुमति के लिए पटना पुलिस को काफी जद्दोजहद करनी पड़ी। दो घंटे के बाद ब्यूरो आफ सिविल एविएशन सिक्यूरिटी ने फ्लाइट रवाना होने के कुछ देर पहले अनुमति दी।

पुलिस साइड डोर से कराना चाह रही थी प्रवेश : सूत्र बताते हैं कि एयरपोर्ट पर हंगामे और किसी प्रकार की अनहोनी के चलते पुलिस इस प्रयास में थी कि आरोपी को साइड डोर यानी अंदर वाले रास्ते से प्रवेश करा दिया जाए। इसके साथ ही कस्टडी में विमान से ले जाने की अनुमति मांगी गई थी। प्रयास के बाद भी साइड डोर से ले जाने की अनुमति नहीं दी गई।

पहली बार टूटा नियम : चर्चा इस बात की थी कि हवाई अड्डा के इतिहास में पहली बार निकास द्वार से किसी को प्रवेश कराया गया है, इसके पहले अति विशिष्ट हो या कोई और, किसी को भी नियम तोड़ने की इजाजत नहीं दी गई है।

दो के हाथ में हथकड़ी : पुलिस जिप्सी से उतरी दिल्ली की पुलिस दो लोगों को लेकर गई है, दोनों के हाथ में हथकड़ी और पहचान छिपाने को चेहरे पर कपड़ा लिपटा था। कयास लगाया जा रहा है कि दिल्ली से उस व्यक्ति को लाया गया था, जिसकी निशानदेही पर मनोज की गिरफ्तारी हुई।

बदल दिए गए थे कपड़े : पुलिस सूत्र बताते हैं कि आरोपी मनोज मुजफ्फरपुर से जिन कपड़ों में चला था, उसे पटना पहुंचने पर बदल दिया गया। ऐसा इसलिए ताकि कोई पहचान न सके।

बरती गई हर संभव सावधानी

रेप के आरोपी मनोज के विमान पर सवार होने तक उसे दिल्ली ले जाने, न ले जाने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही थी। यहां तक कि समय पर पटना पहुंची एयर इंडिया की उड़ान भी अपने समय से दस मिनट लेट हो गई। एयरपोर्ट के भीतर आरोपी को सुरक्षित ले जाने के लिए पटना पुलिस ने हवाई अड्डे की सुरक्षा में लगी सीआइएसएफ के साथ बकायदा रणनीति बनाकर काम किया।

मनोज की ताक में घंटों पहले से एयरपोर्ट पर जमे मीडियाकर्मियों को भनक तक न लगी और बारह बजे के आसपास मनोज को लाकर एयरपोर्ट कैंपस के भीतर ही एक सुरक्षित जगह रख दिया गया। उसके साथ ही दिल्ली से आए सुरक्षाकर्मी भी थे। यहीं से सुरक्षा संबंधी तमाम औपचारिकताएं पूरी की गई।

और पूरी रात चला सर्च अभियान

गुड़िया रेप कांड के आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस पूरी रात खाक छानती रही। आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर दिल्ली पुलिस की तीन सदस्यीय टीम मुजफ्फरपुर पहुंची थी। दिल्ली पुलिस को सहयोग के लिए एसएसपी सौरभ ने डीएसपी के नेतृत्व में दो अलग-अलग टीम का गठन किया। डीएसपी के नेतृत्व में औराई, करजा समेत अन्य थाना क्षेत्रों में छापेमारी हुई। पुलिस टीम रात्रि 12 बजे चिकनौटा गांव पहुंची। आरोपी के घर के निकट से स्थानीय चौकीदार को बुलाया गया। ताकि मनोज के ससुराली घर का सही पता चल सके। डीएसपी के नेतृत्व में पुलिस टीम ने पूरी तरह नाकेबंदी कर छापेमारी की। लोगों को गांव में पुलिस के आने की भनक तक नहीं लगी। कार्रवाई अतिगोपनीय रखी गई थी। मनोज के ससुराल वाले भी इस घटना से अचंभित रह गए। डीएसपी पश्चिमी अनोज कुमार अपनी गाड़ी में आरोपी को न्यायालय लाए।

NCR Khabar News Desk

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