भारत में आम बात हो गई है बलात्कार? आए दिन रेप, गैगरेप की खबर देश के किसी न किसी कोने से आती ही रहती है। कई मामले तो इतने संगीन होते है कि रोंगटे खड़े कर देते हैं। जानेमाने लेखक राधा कुमार कहते हैं कि भारत में महिलाओं के खिलाफ होने वाला सबसे आम अपराध बलात्कार है। वहीं, यूएन ह्यूमन राइट्स चीफ ने इसे नैशनल प्रॉब्लम बताया है। अध्यात्म की नजर से जानें किन मनोदशा में पुरुष बलात्कारी बनता है…बलात्कार कोई नई बात नहीं… जबन भारत-पाकिस्तान का बंटवारा हो रहा था तब बलात्कार काफी बड़ा मुद्दा था। एक अनुमान के मुताबिक, उस दौरान करीब 100,000 महिलाओं को अगवा कर उनका बलात्कार किया गया था।कई बार बलात्कार का कारण गुस्सा होता है। ऐसे बलात्कारी का उद्देश्य विक्टिम को अपमानित करना, चोट पहुंचाना या नीचा दिखाना होता है। ऐसे बलात्कारी विक्टिम के प्रति अपना रोष शारीरिक कष्ट देकर, बलात्कार कर या भद्दी भाषा के जरिए दिखाते हैं। ऐसे आरोपी के लिए सेक्स विक्टिम की अस्मिता को ठेस पहुंचाने का सबसे बड़ा हिथियार होता है। इस तरह का बलात्कारी अपने शिकार को पूरी ताकत के साथ पकड़ता है, जमीन पर पटकता है, उसे पीटता है, उसके कपड़े फाड़ता है और फिर बलात्कार को अंजाम देता है।
कई बलात्कारियों के लिए सेक्स एक फैंटसी है। ऐसे बलात्कारियों को अपनी पर्फॉर्मेंस और विक्टिम के रेस्पॉन्स की फिक्र नहीं होती। बलात्कारी बार-बार महसूस करता है कि अब उसे दूसरे शिकार की जरूरत है। इसलिए वह कम समय में कई बार बलात्कार जैसे कृत्य को अंजाम देता है।
कई सेक्शुअल अपराधों में ऐल्कॉहॉल और कोकेन जैसी ड्रग्स की अहम भूमिका होती है। हालांकि,ऐल्कॉहॉल और वायलेंस के बीच का बायलॉजिकल कनेक्शन जटिल है लेकिन फिर भी इनका सेवन फैसला लेने की शक्ति पर नकारात्मक असर डालता है।सैडिस्ट रेपिस्ट पर गुस्सा और पावर दोनों हावी होते हैं। ऐसे बलात्कारी अपने शिकार को दर्द में देखते हैं तो और एक्साइट होते हैं। शिकार को दर्द और हताशा की स्थिति में देखकर ऐसा बलात्कारी संतोष महसूस करता है। कई बार ऐसा बलात्कारी विक्टम को दर्द देने के लिए किसी बाहरी हथियार का भी इस्तेमाल कर सकते हैंमनोवैज्ञानिक कारण
बलात्कार की कई घटनाओं में प्रमुख कारण मनोवैज्ञानिक होता है। इनकी सेक्शुअल फैंटसीज ऐसी होती हैं कि ये महिलाओं के प्रति वायलेंट होते हैं और इन्हें अपने मेल पार्टनर ज्यादा भाते हैं।