वाशिंगटन। अंतरिक्ष में दूसरे ग्रहों पर जीवन की खोज में जुटे नासा के वैज्ञानिकों ने पृथ्वी जैसे दो नए ग्रहों की पहचान की है। साइंस एक्सप्रेस जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, यह ग्रह पृथ्वी से 1200 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित हैं।
नासा के केप्लर अभियान से जुटाए गए आंकड़ों के आधार पर विलियम बोरुकी के नेतृत्व वाली टीम ने सूरज जैसे सितारे केप्लर 62 के चारों और चक्कर लगा रहे पांच ग्रहों की पहचान की। इन पांच ग्रहों में चार ग्रहों को सुपर अर्थ कहा जा रहा है क्योंकि इनका आकार पृथ्वी से कई गुना बड़ा है। जबकि ये सौरमंडल के सबसे छोटे आइस जाइंट ग्रह से छोटे हैं। इन सुपर अर्थ ग्रहों की त्रिज्या पृथ्वी की 1.3, 1.4, 1.6 और 1.9 गुनी है। वहीं मंगल ग्रह के आकार वाले पांचवें ग्रह का आकार पृथ्वी का आधा है।
‘केप्लर 62’ केप्लर स्पेस टेलीस्कोप द्वारा देखे गए 17 हजार सितारों में से एक है, जिसका द्रव्यमान सूर्य का 69 प्रतिशत है। केप्लर 62 के चारों और चक्कर लगाने वाले दो ग्रहों केप्लर-62ई और केप्लर-62एफ अपने तारे की ऊष्मा का क्रमश: 41 और 120 फीसद हासिल करते हैं। इतनी ही ऊष्मा पृथ्वी भी सूर्य से ग्रहण करती है। इस तरह उन दो ग्रहों पर पानी के तरल अवस्था में मिलने के लिए अनुकूल तापमान मौजूद है, जो जीवन की मौजूदगी का प्रमुख तत्व है। वैज्ञानिकों ने दोनों ग्रहों पर जीवन की संभावना जताई है। सुपर अर्थ ग्रहों के सैद्धांतिक मॉडल के आधार पर केप्लर-62ई और केप्लर-62एफ दोनों ग्रहों पर चंट्टानें होंगी और पानी जमी हुई अवस्था में मिलेगा।