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’93 मुंबई बम विस्फोट : फैसला आज

उच्चतम न्यायालय मुंबई में 1993 में हुए बम विस्फोट की घटनाओं के सिलसिले में दायर अपीलों पर बृहस्पतिवार को फैसला सुनाएगा.
इन बम विस्फोट कांड में टाडा अदालत ने एक सौ व्यक्तियों को दोषी ठहराया था. अदालत ने इनमें से 12 अभियुक्तों को मौत की सजा और 20 अभियुक्तों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी.
न्यायमूर्ति पी सदाशिवम और न्यायमूर्ति डा बलबीर सिंह चौहान की खंडपीठ सिने अभिनेता संजय दत्त की अपील पर भी फैसला सुनाएगी. अदालत ने संजय दत्त को गैरकानूनी तरीके से हथियार रखने के जुर्म में शस्त्र कानून के तहत छह साल की सजा सुनाई थी. संजय दत्त ने इस फैसले को चुनौती दे रखी है. केंद्रीय जांच ब्यूरो ने संजय दत्त को आतंकवादी एवं विघटनकारी गतिविधियां रोकथाम कानून के तहत आरोपों से बरी करने के टाडा अदालत के निर्णय को चुनौती नहीं दी थी. मुंबई में 12 मार्च, 1993 को सुनियोजित तरीके से हुए 13 बम विस्फोट की घटनाओं में 257 व्यक्ति मारे गए थे और 713 अन्य जख्मी हुए थे.

देश में पहली बार आरडीएक्स की मदद से विस्फोट किए गए थे. विस्फोट की इन घटनाओं में 28 करोड़ रुपए की संपत्ति नष्ट हो गई थी. मुंबई स्टॉक एक्सचेंज की इमारत, नरिमन प्वाइंट पर एयर इंडिया भवन, वोर्ली में सेंचुरी बाजार के सामने होटल सी रॉक और जूहू सेंतूर सहित 12 स्थानों पर ये विस्फोट किए गए थे. विस्फोट की इन घटनाओं में कथित रूप से दाऊद इब्राहिम, टाइगर मेमन और उसके भाई अयूब मेमन मुख्य षड़यंत्रकारी थे और इन्हें वांछित अपराधी घोषित कर दिया गया था.

 क्या था मामला
मुंबई में 12 मार्च, 1993 को सुनियोजित तरीके से हुए 13 बम विस्फोट की घटनाओं में 257 व्यक्ति मारे गए थे और 713 अन्य जख्मी हुए थे

मौत की सजा पाए मोहम्मद इकबार और उम्र कैद की सजा पाने वाले सीमा शुल्क विभाग के पूर्व अधिकारी एसएन थापा की शीर्ष अदालत में अपीलों पर सुनवाई के दौरान ही मृत्यु हो गई थी. उम्रकैद की सजा पाने वाले 20 मुजरिमों में से एक की मौत हो गई जबकि दो अन्य को जमानत मिल गई थी. उम्र कैद की सजा पाने वाले 17 मुजरिम और मौत की सजा पाने वाले 11 मुजरिम अभी भी जेल में हैं.

टाडा अदालत से दोषी ठहराए गए सौ मुजरिमों में से अधिकांश ने शीर्ष अदालत में अपील दायर कर रखी है. केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 57 दोषियों की सजा बढ़ाने का न्यायालय से अनुरोध किया है. टाडा अदालत ने इस मामले में 23 आरोपियों को सभी आरोपों से बरी कर दिया था. इसमें मुख्य आरोपी याकूब मेमन की पत्नी राहीन मेमन, टाइगर मेमन का भाई सुलेमान मेमन और उसकी मां हनीफा मेमन भी शामिल हैं. महाराष्ट्र सरकार ने 17 आरोपियों को बरी करने के फैसले को चुनौती दे रखी है. इस मामले में शेष अभियुक्त अभी जमानत पर हैं और उन्हें शीर्ष अदालत के फैसले का इंतजार है. यदि शीर्ष अदालत ने उन्हें दोषी ठहराने के टाडा अदालत के निर्णय की पुष्टि कर दी तो फिर उन्हें समर्पण करना होगा.

NCR Khabar News Desk

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