वासना के दरिंदे अब अस्पताल में दाखिल महिला मरीजों पर भी बुरी नजर रखने लगे हैं। कानपुर में ऐसा ही मामला सामने आया। यहां अस्पताल के सफाई कर्मचारी ने अस्पताल में भर्ती महिला मरीज को न सिर्फ जबरन ब्लू फिल्म दिखाई, बल्कि उसके साथ बलात्कार की कोशिश की।
महिला के शोर मचाने पर वार्ड में भर्ती अन्य मरीज और तीमारदार जाग गए और आरोपी व उसके साथी को पीटकर पुलिस को सौंप दिया गया।
अस्पताल प्रशासन ने इस सनसनीखेज मामले को दबाने की कोशिश की और पुलिस को सूचना तक नहीं दी। निदेशक भी पहले मामले की जानकारी से इंकार करते रहे लेकिन बात फैलने पर कहा कि जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
उर्सला अस्पताल मे भर्ती महिला (37) ने बताया कि तड़के करीब 3:00 बजे इमरजेंसी में ड्यूटी करने वाला स्वीपर पप्पू उसके बेड पर लेट गया और मुंह दबा कर शोर न मचाने की धमकी दी। वह उसे मोबाइल पर अश्लील फिल्म दिखाने लगा तो उसने हाथ जोड़कर उसे वहां से जाने को कहा। इस पर स्वीपर ने गला पकड़ लिया और चुपचाप रहने की धमकी दी लेकिन वह चीख पड़ी।
चीखें सुनकर आस-पास के बेडों पर लेटे मरीज और तीमारदार जाग गए तो पप्पू भाग गया। फिर अस्पताल स्टाफ पहुंचा। सामने के बेड पर भर्ती मरीज ने भी घटना की पुष्टि की। दूसरे मरीजों और तीमारदारों ने भुक्तभोगी महिला को ढांढस बंधाया। महिला ने बताया कि पश्चिम बंगाल में उसका मायका है।
बांग्लादेश के करीम नगर जिले के एक गांव में ससुराल है। पिछले साल पति उसे लेकर अहमदाबाद आ गया था। फिर पति ने साथ छोड़ दिया तो एक आदमी ने बंधक बना लिया। उसकी प्रताड़ना से परेशान होकर वह ट्रेन से भाग कर यहां आई थी। बीमार होने पर 5 जनवरी को पुलिस और नीलम होटल, घंटाघर में काम करने वाले रामबहादुर ने उसे उर्सला इमरजेंसी में भर्ती कराया था।
उसका इलाज कर रहे डॉ. (मेजर) आरके सक्सेना ने बताया कि महिला का जहर खाने की आशंका और सिर में चोट का इलाज किया जा रहा है। महिला मंदबुद्धि है, वह कभी खुद को आंध्र प्रदेश तो कभी बांग्लादेश का निवासी बताती है। जिला प्रशासन को सूचना दी गई थी कि उसे उसके घर या नारी निकेतन भेज दिया जाए, पर ऐसा नहीं हुआ।
सुबह राउंड करते समय वारदात का पता नहीं चला था। मामले की जांच कराएंगे। रात में वार्ड में ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स समेत अन्य कर्मचारियों से स्पष्टीकरण तलब किया जाएगा। उन पर एक्शन भी होगा। यदि आरोपी अस्पताल का कर्मचारी है तो उसे पुलिस को सौंपा जाएगा।
डॉ. टीके अग्रवाल, निदेशक, उर्सला
आरोपी पप्पू और उसे मोबाइल देने वाले साथी धर्मेश को लोगों ने पकड़ कर पीटा था। बाद में दोनों को पुलिस को सौंप दिया गया। पप्पू अस्पताल में सफाई ठेकेदार के अंडर में काम करता है।
डॉ. शैलेंद्र तिवारी, चिकित्सा अधीक्षक, उर्सला
पीड़ित महिला तहरीर नहीं दे रही है। उसने कहा कि पप्पू उसे जबरदस्ती मोबाइल पर अश्लील फिल्म दिखाना चाह रहा था। मना करने पर बदसलूकी की। तहरीर न मिलने की वजह से पुलिस अपनी तरफ से पप्पू को छेड़छाड़ की धारा – 294 के तहत बंद कर रही है। पप्पू के खिलाफ शांति भंग की भी कार्रवाई की जाएगी।
अजय वर्मा, थानाध्यक्ष, कोतवाली