काले धन को सफेद करने के मामले में तीन निजी बैंकों पर लगे आरोपों में भारतीय रिजर्व बैंक को कोई घोटाला नजर नहीं आता है। रिजर्व बैंक के अनुसार स्टिंग ऑपरेशन में जो भी आरोप लगे हैं, उसके तहत उन बैंकों में काले धन का कोई लेन-देन नहीं हुआ है। ऐसे में इसमें कोई घोटाला नहीं हुआ है।
इसके पहले ऑनलाइन पत्रिका कोबरा पोस्ट ने आईसीआईसीआई, एक्सिस और एचडीएफसी बैंकों के कर्मचारियों का स्टिंग ऑपरेशन कर यह आरोप लगाया था कि तीनों बैंक मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल है।
बृहस्पतिवार को भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर केसी चक्रवर्ती ने कहा है कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली में कालेधन को रोकने के लिए पर्याप्त व्यवस्था है।
उन्होंने कहा कि निजी बैंकों पर जो आरोप लगे हैं, उसमें यह कहीं नहीं है कि काले धन का लेन-देन बैंकों में हुआ है। ऐसे में इसमें कोई घोटाला नहीं है।
चक्रवर्ती के अनुसार बैंकों के लगे आरोपों की जांच चल रही है। यदि जरूरत पड़ी तो रिजर्व बैंक केवाईसी नियमों में बदलाव कर सकता है।
उधर वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग के पूरे मामले की जांच हो रही है। जिसमें रिजर्व बैंक भी अपने स्तर पर कार्यवाही कर रहा है। अधिकारी ने बताया कि यदि जांच के जरिए अनियमितता की बात सामने आती है, तो बैंकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।