दो मछुआरों की हत्या के लिए सुनवाई का सामना कर रहे अपने दो नौसैनिकों को वापस भेजने से इटली के इंकार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने ‘अस्वीकार्य’ करार दिया.
केरल के वाम मोर्चा और कांग्रेस के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को प्रधानमंत्री ने ये बातें कहीं जो अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए उनसे अलग-अलग मिले और इस ‘गंभीर’ मामले में उनके दखल की मांग की.
माकपा सांसद के एन बालगोपाल और एम बी राजेश के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह ‘अस्वीकार्य’ है.
सिंह ने वाम मोर्चा के सांसदों से कहा कि वह विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद को यह मुद्दा इटली के साथ उठाने को कहेंगे.
उनका बयान इतालवी विदेश मंत्रालय के वक्तव्य के आलोक में आया है जिसमें कहा गया कि मरीन मस्सीमिलियानो लातोर्रे और साल्वातोर गिरोन इटली से वापस नहीं लौटेंगे जहां वह उच्चतम न्यायालय की विशेष अनुमति के बाद पिछले महीने चुनावों में वोट डालने गए थे.
गौरतलब है कि दोनों मरीन ने पिछले साल फरवरी में केरल में समुद्र तट के निकट दो मछुआरों की कथित रूप से गोली मारकर हत्या कर दी थी.
इटली का दावा है कि भारत ने उसके इस आग्रह का जवाब नहीं दिया, जिसमें उसने कहा था कि इस मामले का राजनयिक समाधान निकाला जाए.
खुर्शीद ने कहा कि सरकार इटली के फैसले, उसकी दलीलों और प्रभावों का अध्ययन कर रही है.
केरल की राजनीति में बेहद संवेदनशील मुद्दे पर उन्होंने संवाददाताओं को कहा, ‘‘ हम अध्ययन करके स्थिति की पूरी जानकारी लेंगे’’
राजेश ने कहा, ‘‘ हम प्रधानमंत्री से मिले और इतालवी मरीनों का मुद्दा उठाया. प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें अखबारों के माध्यम से मामले की जानकारी मिली. उन्होंने आस्त किया कि वह इस मामले में दखल देने के लिए विदेश मंत्री को इसे देखने को कहेंगे’’
बालगोपाल ने आरोप लगाया कि यह भारत सरकार में सबसे ऊंचे पद पर बैठे किसी व्यक्ति और इटली सरकार के बीच उच्चस्तरीय साजिश का नतीजा है. हालांकि उन्होंने इसका ब्यौरा नहीं दिया.
कांग्रेस की अगुवाई वाले यूडीएफ ने भी अलग से प्रधानमंत्री से मुलाकात की.