नई दिल्ली। महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने वो काम कर दिया, जिसे करने में बड़े-बड़े दिग्गज भी असफल रहे। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया को 4-0 से मात देकर टीम इंडिया ने टेस्ट क्रिकेट में इतिहास रच दिया। 22 फरवरी को जब चेन्नई में दोनों देशों के बीच इस सीरीज का पहला टेस्ट मैच शुरू हुआ था तो यह सोचना काफी मुश्किल था कि टीम इंडिया कंगारुओं का क्लीन स्वीप कर देगी, क्योंकि इससे पहले इंग्लैंड के हाथों टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम अपनी ही जमीन पर बुरी तरह हार गई थी, लेकिन धौनी के धुरंधरों ने इस सपने को साकार कर ही दिया।
आइए, जानते हैं वो पांच कारण जिसकी बदौलत टीम इंडिया ने कंगारुओं का पूरी तरह सफाया कर दिया :
1. मुरली विजय, चेतेश्वर पुजारा और धौनी की जबरदस्त बल्लेबाजी
इसमें कोई शक नहीं कि टीम इंडिया की इस ऐतिहासिक जीत में बल्लेबाजों की भूमिका काफी अहम रही है, खासकर मुरली विजय और चेतेश्वर पुजारा की। इन दोनों बल्लेबाजों ने इस सीरीज में जमकर बल्लेबाजी की। चेन्नई टेस्ट को छोड़ दिया जाए तो मुरली विजय ने शेष तीनों टेस्ट मुकाबलों में अच्छा हाथ दिखाया और सीरीज में सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए। मुरली विजय ने इस सीरीज में कुल 430 रन बनाए। चेतेश्वर पुजारा 419 रन के साथ इस सीरीज में सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों में दूसरे नंबर पर रहे। इस श्रेणी में कप्तान महेंद्र सिंह धौनी 326 रन बनाकर तीसरे नंबर पर रहे। धौनी ने चेन्नई में टेस्ट करियर का जो पहला दोहरा शतक लगाया था, वो कमाल का था। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की जमकर धुलाई करते हुए उन्होंने 224 रन ठोंक दिए।
2. अश्विन की कातिलाना गेंदबाजी
टीम इंडिया के फिरकी गेंदबाज आर. अश्विन ने तो कमाल ही कर दिया। पूरी सीरीज में उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को क्रीज पर बिलकुल टिकने नहीं दिया। 29 विकेट लेकर अश्विन इस सीरीज में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। उनकी गेंदों को खेलने में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को हर पल परेशानी आई और अंतत: टीम इंडिया के सामने उन्होंने घुटने टेक दिए।
3. रवींद्र जडेजा का ऑलराउंडर प्रदर्शन
इस सीरीज में रवींद्र जडेजा एक बेहतरीन ऑलराउंडर के रूप में उभरकर सामने आए। उनके प्रदर्शन ने क्रिकेट जगत को पूरी तरह से चौंका दिया। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क के तो वे पीछे ही पड़ गए थे। जडेजा ने 6 पारियों में 5 बार क्लार्क को अपना शिकार बनाया। इसके अलावा कुल 24 विकेट झटककर इस सीरीज में सर्वाधिक विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज बने। साथ ही कुल 85 रन बनाए।
4. धवन की धमाकेदार एंट्री
टीम इंडिया की इस ऐतिहासिक जीत में शिखर धवन की धमाकेदार एंट्री भुलाई नहीं जा सकती। मोहाली टेस्ट में 85 गेंदों में शतक ठोंककर पदार्पण मुकाबले में सबसे तेज शतक बनाने का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले धवन ने उस मुकाबले में धुआंधार 187 रन ठोंक डाले और बारिश से बाधित मैच में टीम इंडिया की जीत की उम्मीद जगा दी। भारत ने वह मुकाबला 6 विकेट से जीता।
5. सुस्त ऑस्ट्रेलियाई
ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप करना कोई आसान काम नहीं था। ऐसा करने के लिए टीम इंडिया को एड़ी-चोटी एक लगानी थी, लेकिन इस काम में उनकी बहुत अधिक मदद ऑस्ट्रेलियाई टीम ने ही कर दी। भारत दौरे पर आई मौजूदा ऑस्ट्रेलियाई टीम काफी सुस्त रही। क्रिकेट दिग्गजों की मानें तो ऐसी सुस्त कंगारू टीम उन्होंने पहले कभी नहीं देखी थी। उनके टॉप ऑर्डर बल्लेबाज पूरी तरह फ्लॉप रहे। तेज गेंदबाजों ने दम नहीं दिखाया। इसके अलावा कंगारू खिलाड़ी क्षेत्ररक्षण के दौरान काफी ढीले नजर आए। ओवर थ्रो के कारण टीम इंडिया के खाते में कई रन आए। कुछ मौकों पर आसान से कैच छूटे। ऑस्ट्रेलियाई टीम के इस रवैये ने भारतीय टीम का काम बहुत आसान कर दिया।