क्या जिला गाजियाबाद बढ़ते अपराध के लिए ही जाना जाएगा? इस जिले की सूरत पर लगातार लग रहे दाग क्या कभी कम भी होंगे? ये सवाल अब यहां के लोगों को परेशान करने लगा है। शहर में रहने वाले लोग अब डरने लगे हैं। कानून के रखवालों से सवाल पूछ रहे हैं, क्या हम यहां सुरक्षित हैं? यहां बच्चियां, लड़कियां और महिलाएं, कोई सुरक्षित नहीं है। न घर में और न बाहर। दुष्कर्म जैसे मामले रुक नहीं रहे हैं। इस साल अब तक दो माह में ही 10 से ज्यादा बलात्कार की घटनाएं हो चुकी हैं। पिछले साल भी पुलिस फाइलों में 26 बलात्कार के केस दर्ज हुए थे। अभिभावक खौफ के साये में जी रहे हैं। आखिर जाएं भी तो कहां?
छात्रा के साथ गैंगरेप
कविनगर में सोमवार को बीकॉम छात्रा के साथ रेप की घटना से लोग सहमे थे कि गैंगरेप की एक और वारदात ने लोगों की रूह कंपा दी। इंदिरापुरम से एक युवती को अगवा कर ऑटो सवार तीन बदमाशों ने मसूरी में गैंगरेप किया। शिप्रा मॉल के पास दिल्ली की रहने वाली वो छात्रा अपनी सहेली से मिलने आई थी। रात करीब नौ बजे उसने जाने के लिए ऑटो लिया। आरोपी ऑटो चालक ने उसे घुमा फिराकर मसूरी ले गया और वहां खेत में ले जाकर तीन लोगों के साथ उसने गैंगरेप किया। उससे चार सौ रुपये और एटीएम कार्ड लूट लिया। छात्रा किसी तरह मसूरी थाने पहुंची और पुलिस को घटना बताई।
परिवार की खुशियां तहस-नहस
वहीं, सोमवार को 12वीं कक्षा के साथ हुई वहशी घटना ने उस परिवार की खुशियों को तहस नहस कर डाला। दरिंदगी से आहत बीकॉम छात्रा का परिवार अपने घर पर ताला लगाकर इस शहर से कहीं दूर चला गया है। पड़ोसियों का कहना है कि वारदात के बाद से पूरी फैमिली बेहद दुखी थी। आसपास के लोगों ने बताया कि बीकॉम छात्रा से ट्यूशन पढ़ने वाले बच्चे उसे दीदी कहते हैं। रात में वह अस्पताल से घर लौटी और सुबह-सुबह ही परिवार ताला लगाकर कहीं चला गया। पर कहां? यह कोई नहीं जानता। लोगों का कहना है कि ऐसी वारदात से उबरना आसान नहीं होता। जगह बदलने से इस सदमे से उबरने में छात्रा को मदद मिलेगी। यहां रहती तो ज्यादा मुश्किल होती।
पैरेंट्स के मन में भय
इन घटनाओं से आहत पैरेंट्स की चिंता बढ़ती जा रही है। ललित कुमार निवासी शास्त्रीनगर का कहना है कि उनकी दो बेटियां हैं। शहर में बच्चियों के साथ हुई रेप की वारदातों से वे बेहद सहमे हुए हैं। उनकी बेटियां पहले पुरुष टीचर के पास ट्यूशन पढ़ती थी। लेकिन अब उन्होंने वहां से ट्यूशन हटाकर महिला टीचर के पास भेजना शुरू कर दिया है। उनकी बेटियां पढ़ लिखकर आगे बढ़ना चाहती हैं, लेकिन इस तरह की वारदातें उनके इरादों को कमजोर न कर दें।
विजया निवासी नासिरपुर का कहना है कि उनके तीन बच्चे हैं। उनकी बेटियां ट्यूशन पढ़ती हैं, वह खुद उन्हें ट्यूशन लेकर जाती हैं और फिर लेकर आती हैं। शहर में बच्चियों और लड़कियों के साथ हो रहीं वारदातों ने उनके मन में भय पैदा कर दिया है।
जबकि एसपी सिटी शिव शंकर यादव का कहना है कि ये ऐसा अपराध है, जो लोगों की मानसिकता से जुड़ा है, जब तक लोगों की मानसिकता में सुधार नहीं होगा, इन जघन्य वारदातों पर काबू पाना मुश्किल है।