जब डीएसपी पर बरसीं गोलियां, खेत में छिप गई पुलिस

NCR Khabar News Desk
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इलाहाबाद कुंडा के बलीपुर गांव में क्षेत्राधिकारी जिया उल हक जब दो गुटों की गोलीबारी में फंस गए थे, तब स्‍थानीय हथिगवां थाने के पुलिसकर्मी उनकी मदद करने के बजाय खेत में जाकर छुप गए। हथिगवां के थाना प्रभारी (एसओ) तो जिया उल हक की लाश मिलने के बाद ही खेत से बाहर आए।
जिया उल हक की हत्या हथिगवां थाना क्षेत्र में हुई लेकिन प्रशासन ने इस मामले में वहां के पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई नहीं की, जबकि कुंडा के इंस्पेक्टर सर्वेश मिश्र, कुंडा थाने के एसएसआई विनय सिंह और सीओ के गनर इमरान को बर्खास्त कर दिया गया।

अब जब मामले की जांच शुरू हो गई है तो सवाल उठ रहे हैं कि शनिवार की शाम प्रधान और उसके भाई की हत्या के बाद जब बलीपुर गांव में बवाल हो रहा था तब हथिगवां थाने के प्रभारी और पुलिसकर्मी कहां थे?

यहां तक कि उस हलके के चौकी प्रभारी और बीट के सिपाहियों के बारे में भी पुलिस के आला अफसरों के पास कोई जानकारी नहीं है।

कुंडा में डीएसपी की हत्या ने पुलिस वालों की बहादुरी की पोल खोल दी है। शनिवार को दबंगों की ताबड़तोड़ फायरिंग से मोर्चा लेने के बजाय पुलिस वाले अपने असलहे छिपाकर थाने से भाग निकले।

सीओ जिया उल हक के साथ चल रहे इंस्पेक्टर, दरोगा और गनर खेत में जाकर छिप गए। इनके साथ ही हथिगवां के एसओ मनोज शुक्ला और दूसरे पुलिस वाले भी खेत में जा छिपे। मनोज शुक्ला तो सीओ की लाश मिलने के बाद ही खेत से बाहर निकले।

हथिगांवा थाने के पुलिसकर्मियों पर नहीं हुई कार्रवाई 

सीओ हत्याकांड में लापरवाही बरतने के आरोप में तीन पुलिसकर्मियों के बर्खास्त कर दिया गया है लेकिन हथिगांवा थाने के पुलिस‌कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। हथिगवां के थाना प्रभारी और सिपाहियों को क्यों बचाया जा रहा है, इस पर सवाल उठने लगे हैं।

सोमवार को प्रधान नन्हें यादव के परिजनों ने भी कहा कि प्रधान ने अपनी हत्या की आशंका पहले ही जताई थी। इस मामले में हथिगवां थाने में प्रार्थनापत्र दिया गया था। दो पक्षों में मार्केट और जमीन की लड़ाई को लेकर पहले भी झगड़ा हुआ था। ‌हथिगवां के थाना प्रभारी को पूरे मामले की जानकारी थी लेकिन समय रहते उन्होंने कार्रवाई नहीं की।

प्रधान की हत्या के आरोपी कामता पाल के परिजनों का भी आरोप है कि पुलिस को इस मामले की जानकारी थी। कामता पाल का घर फूंके जाने के वक्त भी हथिगंवा थाने की फोर्स मुंह ताक रही थी।

प्रतापगढ़ के एसपी आरएल कुमार ने कहा, ‘हथिगवां थाने पर तैनात लोगों माफी क्यों मिली, इस सवाल का मेरे पास कोई जवाब नहीं है, मैं हर बात उजागर नहीं कर सकता। जांच में जो दोषी पाया गया उसी पर कार्रवाई हुई।’

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