वाशिंगटन. ड्रैगन के लाल इरादों को अमेरिकी खुफिया एजेंसियों और राजनयिकों ने उजागर किया है। पाकिस्तान से गठजोड़ करके चीन पाकिस्तान के उत्तरी पंजाब स्थि चश्मा में परमाणु रियेक्टर लगाने जा रहा है। दोनों देशों के बीच इसका समझौता भी हो चुका है। चीन की इस नापाक हरकत से गुस्साए अमेरिका ने चेतावनी दी है कि यह परमाणु हथियार विरोधी अंतर्राष्ट्रीय नियमों का खुला उल्लंघन है।
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के मुताबिक चश्मा में तीसरे रियेक्टर को लगाने के लिए यह समझौता हुआ है। इस गुप्त समझौते पर तब हस्ताक्षर किए गए थे, जब पाकिस्तानी एटॉमिक एनर्जी कमीशन 15 से 18 फरवरी तक बीजिंग की यात्रा पर था।
जिस जगह पर यह रियेक्टर बन रहा है, वहां पर पहले ही दो न्यूक्लियर रियेक्टर बनाए जा चुके हैं। एग्रीमेंट के मुताबिक चीन का नेशनल न्यूक्लियर कार्पोरेशन यहां पर एक हजार मेगावाट के बिजली उत्पादन करने वाला तीसरा रियेक्टर बनाएगा।
नाम न छापने की शर्त पर एक अमेरिकी डिप्लोमैट ने बताया कि चीन ने पिछले महीने एक आंतरिक सर्कुलर जारी किया है। सर्कुलर में राजनीतिक नेताओं और अधिकारियों को इस समझौते के बारे में कहीं पर भी बात न करने का आदेश दिया गया है। सर्कुलर में कहा गया है कि इस बारे में कोई भी सूचना लीक हुई तो अच्छा नहीं माना जाएगा।
अमेरिका ने पहले भी आरोप लगाया है कि चाइना नेशनल न्यूक्लियर कार्पोरेशन (CNNC) पाकिस्तान को परमाणु हथियार बनाने में मदद देता रहा है। CNNC ने 1990 में पाकिस्तान को हजारों मैग्नेट रिंग बेचे थे। यह सब उस सेंटीफ्यूज में लगाए गए जिससे उच्च कोटि का संवर्धित यूरेनियम बनाया गया। यही यूरेनियम परमाणु बमों में प्रयोग किया जाता है।