दिल्ली की एक अदालत ने 12 साल से अनशन कर रही इरोम शर्मीला चानू के खिलाफ खुदकुशी करने के प्रयास के मामले में आरोप तय किये.
शर्मीला चानू पर 2006 में अपने ‘आमरण अनशन’ के दौरान कथित रूप से खुदकुशी करने के प्रयास करने का आरोप है.
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आकाश जैन ने 40 वर्षीय शर्मीला के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 309 (आत्महत्या का प्रयास) के तहत आरोप तय किये. शर्मीला ने कोई अपराध करने से इंकार करते हुए कहा कि यह उनका अहिंसक प्रदर्शन था.
सैन्य बल विशेषाधिकार अधिनियम हटाने की मांग
अदालत ने इस मामले में अभियोजन पक्ष के सबूत दर्ज करने के लिए 22 मई की तारीख तय की है. यह मामला चार अक्तूबर 2006 को सैन्य बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफस्पा) को हटाने की मांग को लेकर यहां जंतर-मंतर पर हुए उनके आमरण अनशन से संबंधित है.
मैं आत्महत्या नहीं करना चाहती हूं
अदालत परिसर के बाहर प्रदर्शन के बीच, शर्मीला न्यायाधीश के सामने पेश हुईं और उन्होंने कहा, ‘मैं आत्महत्या नहीं करना चाहती हूं. मेरा केवल अहिंसक प्रदर्शन है. मानव की तरह जीवन जीना मेरी मांग है.’
उन्होंने अदालत से कहा, ‘‘मैं जिंदगी से प्यार करती हूं. मैं अपनी जिंदगी लेना नहीं चाहती लेकिन मैं न्याय और शांति चाहती हूं.’
हालांकि मजिस्ट्रेट ने उनसे कहा कि उन पर खुदकुशी का प्रयास करने का आरोप है और प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ आरोप दिखता है. यह पूछे जाने पर कि क्या आप अपना अपराध स्वीकार करती हैं, शर्मीला ने कहा ‘नहीं’. शर्मीला को अब सुनवाई का सामना करना होगा.
न्यायाधीश ने कहा कि मैं आपका सम्मान करता हूं लेकिन देश का कानून आपको अपनी जिंदगी खत्म करने की अनुमति नहीं देता है.
अपने वकील से चर्चा करने के बाद भी शर्मीला ने कहा कि अगर सरकार अफस्पा हटाएगी, तब ही मैं भोजन ग्रहण करूंगी और भोजन नली फेंक दूंगी जिससे फिलहाल उन्हें भोजन दिया जा रहा है.
हालांकि अदालत ने कहा कि यह राजनीतिक प्रक्रि या है। यहां मैं केवल इस मामले पर केन्द्रित हूं. इंफाल हवाई अड्डे के पास मालोम क्षेत्र में असम राइफल्स के जवानों की गोलियां से 10 नागरिकों की मौत के बाद शर्मीला ने 2000 में आमरण अनशन शुरू किया था.
वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और उन्हें नाक के रास्ते से भोजन नली से भोजन दिया जा रहा है.शर्मीला को अदालती कार्यवाही के लिए कल शाम मणिपुर से यहां लाया गया है.
12 साल से अहिंसक प्रदर्शन
उनके वकील ने अदालत को बताया कि उनकी मुवक्किल महात्मा गांधी की तरह अहिंसक तरीके से पिछले 12 साल से प्रदर्शन कर रही है. वकील ने कहा कि वह मणिपुर की जनता के लिए अनशन कर रही हैं क्योंकि सरकार से उन्हें ‘नजरअंदाज’ किया जा रहा है.
शर्मीला की चिकित्सकीय स्थिति पर वकील ने न्यायाधीश से आग्रह किया कि उनसे अदालत में बार-बार हाजिर होने के लिए नहीं कहा जाए.
वकील ने यह भी कहा कि शर्मीला एक साल की सजा पहले ही काट चुकी हैं जो आईपीसी की धारा 309 के तहत अपराध की अधिकतम सजा है. शर्मीला ने इससे पहले कहा था कि उन्हें विश्वास है कि सरकार उन्हें सुनेगी और अफस्पा हटाने की उनकी मांग मानेगी.