विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल ने एक बार फिर मोर्चा संभालते हुए शीला सरकार पर हमला बोल दिया है.
उन्होंने दिल्लीवासियों से बिजली-पानी के बिल का भुगतान नहीं करने की अपील करते हुए शहीदी दिवस के दिन से यानी 23 मार्च से अनिश्चितकालीन उपवास करने की घोषणा की है.
सोमवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि पानी और बिजली की दरों में बेतहाशा वृद्धि से लोग परेशानी में हैं, लेकिन विपक्षी भाजपा भी इस मुद्दे को नहीं उठा रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और निजी बिजली वितरण कंपनियों के बीच साठगांठ है. मुख्यमंत्री का यह कहना कि बिजली कंपनियां घाटे में हैं, इसलिए बिजली की दरों को बढ़ाना जरूरी हो गया है, बिल्कुल बेबुनियाद बात है.
उन्होंने कहा कि बिजली बिल जलाकर जंतर-मंतर पर सत्याग्रह का ऐलान 23 सितम्बर को किया गया था. इसके बाद कुछ लोगों ने बिजली बिल देना बंद किया, तो उनका कनेक्शन काट दिया गया. आप के कार्यकर्ताओं ने मौके पर पहुंचकर बिजली कनेक्शन जोड़ने का काम किया, लेकिन कुछ उपभोक्ताओं पर मुकदमा ठोंक दिया गया. उपभोक्ता सरकारी कार्रवाई से डर गये.
उन्होंने कहा कि अगर आप डरे हुए हैं तो ‘आप’ के स्वयंसेवक आपका कनेक्शन बहाल करने में आपकी सहायता करेंगे. कम से कम एक महीना बिल का भुगतान नहीं कीजिए. उन्होंने कहा कि कोई भी आपकी बिजली केवल एक महीना बिल नहीं देने के कारण काट नहीं सकता. दिल्ली की सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के कौशांबी में रहने वाले केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली वालों के साथ एकजुटता दिखाते हुए उनका परिवार भी बिजली के बिल का भुगतान नहीं करेगा. केजरीवाल ने कहा कि वह उन घरों से अपने अनशन की शुरुआत करेंगे, जो बिजली बिलों से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं.
केजरीवाल ने कहा कि 23 मार्च शहीदी दिवस के दिन से वे उपवास शुरू करेंगे. उन्होंने कहा कि अनिश्चितकालीन उपवास किसी सरकार के खिलाफ नहीं है. कई वर्षो से धरना-प्रदर्शन करने के बाद सरकार से न्याय की उम्मीद खत्म हो चुकी है. अब दिल्ली की जनता से सीधे अपील की जाएगी कि उठो, जागो, अपने मन से भय को निकालो और कम से कम एक महीने का बिजली बिल न जमा करो.