नई दिल्ली. नेताओं एवं अधिकारियों से सांठ-गांठ कर मिड डे मील उपलब्ध कराने वाली संस्थाएं तीनों नगर निगमों (पूर्वी, दक्षिणी एवं उत्तरी) के दस लाख छात्रों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रही हैं।
एमसीडी में जनता के प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने इन संस्थाओं को दोहरा लाभ पहुंचाने के लिए पिछले पांच माह से बगैर भोजन की गुणवत्ता की जांच कराए करोड़ों का भुगतान होने दिया।
शिक्षा सचिव दीवान चंद्र के अनुसार इसी तरह के मामलों में दिल्ली सरकार का शिक्षा विभाग अपने स्कूलों में मिड डे मील बांटने वाली उन संस्थाओं के पैसे काट रहा है जिनके भोजन के नमूने जांच में फेल हो गए हैं।
क्या है एग्रीमेंट : एमसीडी और मिड डे मील बांटने वाले संस्थाओं के बीच एग्रीमेंट के अनुसार दिल्ली सरकार से प्रमाणित लैब में प्रति माह भोजन के चार नमूनों की जांच होगी।
जांच की फीस का भुगतान मिड डे मील बांटने वाली संस्थाओं को करना होगा। जांच में भोजन में 300 कैलोरी व 12 ग्राम प्रोटीन से कम पोषाहार तत्व पाए जाने पर कमी के अनुपात में संबंधित संस्था पर जुर्माना लगाया जाएगा।
मिड डे मील बांटने वाली संस्थाएं
1. स्त्री शक्ति उत्तरी व पूर्वी दिल्ली
2. एकता शक्ति दक्षिणी दिल्ली
3. सूर्या चेरिटेबल उत्तरी दिल्ली
4. मैत्री रिसर्च उत्तरी दिल्ली
5. इस्कान दक्षिणी दिल्ली
6. जयजी दक्षिणी दिल्ली
7. दलित मानव दक्षिणी दिल्ली
8. भारतीय मानव दक्षिणी दिल्ली
क्या कहते हैं अधिकारी
मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। मनीष गुप्ता, आयुक्त, साउथ एमसीडी
लैब की समस्या थी क्योंकि पुराने कांट्रैक्ट खत्म हो चुके थे।
पीके गुप्ता, आयुक्त, नॉर्थ एमसीडी
पिछली एजेंसी श्री राम इंस्टीट्यूट के साथ कांट्रैक्ट खत्म हो चुका था।
एसएस यादव, आयुक्त, ईडीएमसी