पंजाब पुलिस के हाथ लगी 130 करोड़ रुपये की हेरोइन के मामले में ओलंपिक पदक विजेता विजेंदर की मुसीबतें बढ़नी तय हैं।
पंजाब पुलिस ने जहां इस स्टार मुक्केबाज को समन भेजने की तैयारी कर ली है, वहीं हरियाणा पुलिस भी पूरे मामले पर नजर बनाए रखे हुए है।
सूत्रों की मानें तो विजेंदर की कॉल डिटेल में यह पुष्टि हो गई है कि वह मुख्य आरोपी अनूप सिंह काहलों के संपर्क में था। इस बीच उनके करीबी दोस्त और राष्ट्रीय स्तर के मुक्केबाज राम सिंह को ड्रग्स लेने की बात स्वीकार करने के बाद नेताजी सुभाष राष्ट्रीय खेल संस्थान (एनआईएस) से निकाल दिया गया है।
विजेंदर का डोप टेस्ट होना भी लगभग तय है। राम सिंह पुलिस पूछताछ में लगातार बयान बदल रहा है, जिससे हरियाणा पुलिस में डीएसपी विजेंदर पर भी शक गहराता जा रहा है।
फतेहगढ़ साहिब के एसएसपी हरदयाल सिंह मान ने कहा, ‘हम पूछताछ के लिए विजेंदर को समन भेजेंगे। हालांकि फिलहाल हमारा फोकस इस मामले में लिप्त अन्य तस्करों को पकड़ने पर है।’
एनआईएस के कार्यकारी निदेशक एलएस राणावत ने जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम का गठन भी किया है, जो सोमवार से जांच शुरू कर देगी। विजेंदर से पूछताछ करने का फैसला भी यही टीम लेगी। प्रमुख मुक्केबाजी कोच गुरबख्श सिंह ने बताया कि सोमवार को इस संबंध में लिखित आदेश जारी कर दिए जाएंगे।
राम सिंह से पुलिस ने लगातार तीसरे दिन भी पूछताछ की, लेकिन उन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। हरियाणा पुलिस भी इस मामले में नजर बनाए हुए है। सूत्रों के अनुसार क्राइम ब्रांच में एसपी स्तर का एक अधिकारी लगातार पंजाब पुलिस से संपर्क बनाए हुए है।
इस बीच पुलिस ने एक अन्य आरोपी सुनील कत्याल को लुधियाना से गिरफ्तार किया है। सुनील ड्रग्स की क्वालिटी की जांच करने का काम करता था। इस मामले में अब तक पुलिस सात लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
‘राम सिंह को अब अपनी गलती का अहसास हो गया है कि वह विजेंदर को गलत फंसा रहा है। शायद इसलिए बयान बदल कर बचने की कोशिश कर रहा है। राम सिंह और विजेंदर बहुत अच्छे दोस्त थे। पता नहीं क्यों वह ऐसा कर रहा है। विजेंदर कभी भी डोप टेस्ट में फेल नहीं हुआ है।’
-गुरबख्श सिंह संधू, चीफ कोच बाक्सिंग, एनआईएस
बर्खास्त डीएसपी के साले के शैलर पर छापा, दो गिरफ्तार
फतेहगढ़ साहिब जिला पुलिस ने रविवार को थाना बस्सी पठाणा के गांव झाम पुर में एक शैलर में छापा मारकर वहां से चौकीदार नेपाली प्रेम सिंह और एक मुनीम आत्माराम को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार यह शैलर ड्रग तस्करी के सरगना पूर्व डीएसपी जगदीश सिंह भोला के साले मनप्रीत सिंह की है। पुलिस के मुताबिक अनूप सिंह काहलों से पूछताछ के दौरान यह तथ्य सामने आया कि इस शैलर में ड्रग की खेप आती थी व यहीं से केमिकल मिलाने के बाद पैकिंग करके आगे सप्लाई किया जाता था।
गलती से हेरोइन लेने का सवाल ही नहीं :राणावत
एनआईएस के कार्यकारी निदेशक एलएस राणावत ने राम सिंह के उस दावे का खंडन किया कि जिसके अनुसार उन्होंने फूड सप्लीमेंट्स समझ कर ड्रग्स लिए।
उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों की डाइट के लिए कमेटी बनी है, जिसमें डॉक्टर भी शामिल हैं। इसलिए इसे गलती से लेने का सवाल ही नहीं उठता। राणावत ने साफ किया कि अब खिलाड़ियों को फूड सप्लीमेंट्स साई मुहैया नहीं कराता है।
ओलंपिक के बाद नाडा और वाडा की ओर से जारी हिदायतों के मुताबिक खिलाड़ी संबंधित कोच और डॉक्टर की देखरेख में खुद फूड सप्लीमेंट खरीदता है, जिसके लिए प्रति खिलाड़ी 250 रुपये दिए जाते हैं।
विजेंदर की सिफारिश पर रखा राम को
राणावत ने राम सिंह की कैंप में मौजूदगी के बारे में कहा कि उसका नाम पहले लिस्ट में नहीं था। उसे विजेंदर की सिफारिश पर कैंप में रखा गया था।