प्रतापगढ़/लखनऊ. सीएम अखिलेश सिंह यादव कैबिनेट मंत्री आजम खां के साथ शहीद डीएसपी जिया उल हक के पैतृक गांव नूनखार पहुंच गए हैं। वहां उन्हें गांववालों की जमकर नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा। उनके साथ भीड़ ने धक्का-मुक्की भी की। सीएम चंद सेकेंड के लिए ही पार्थिव शरीर के पास रुके उसके बाद मृतक अफसर के घर के एक कमरे में परिजनों से मुलाकात किया। वहीं, डीएसपी मर्डर केस में बवाल बढ़ने के बाद रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने यूपी के खाद्य एवं रसद मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि विपक्ष के बढ़ते दबाव के चलते सीएम अखिलेश यादव ने राजा भैया से इस्तीफा लिया है। वहीं डीएसपी की हत्या के मुद्दे पर विधानसभा में विपक्षी दलों ने हंगामा किया। बीएसपी नेता विपक्षी दल स्वामी प्रसाद मौर्या ने मुख्यमंत्री से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा मांगा।
उधर, राजा भैया ने कहा है कि यदि उन्हें अफसर से कोई शिकायत होती तो वह उसका तबादला करा देते, न कि उसकी हत्या करवाते। उनके अनुसार वह सत्ता पक्ष से संबंध रखते हैं, सो उनके लिए ऐसा करना कोई बड़ी बात नहीं थी। उनकी मृतक सीओ से सिर्फ दो बार मुलाकात हुई थी। दोनों पक्षों की गलती की वजह से यह हादसा हुआ है। इस घटना की सीबीआई जांच होनी चाहिए।
सोमवार सुबह खुद ड्राइव कर सीएम से मिलने पहुंचे राजा भैया ने अखिलेश यादव के लखनऊ स्थित सरकारी निवास पर जाकर इस्तीफा सौंपा। उनकी गिरफ्तारी के कयास भी लगाए जा रहे हैं। डीएसपी जिया उल हक की विधवा परवीन और उनका पूरा परिवार देवरिया जिले के नूनखार गांव स्थित अपने घर पर धरने पर बैठ गया है। उनकी मांग है कि राजा भैया को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। नूनखार गांव पहुंचे सूबे के डीजीपी ए सी शर्मा का स्थानीय लोगों ने घेराव किया है। डीएसपी के परिवार से मिलने गए डीजीपी को गांववालों ने घर के अंदर रोक दिया। गांव के लोगों ने डीजीपी के खिलाफ नारेबाजी भी की।
परवीन ने कहा कि सीएम अखिलेश जब तक यहां नहीं आएंगे तब तक उनके पति को सुपुर्द-ए-खाक नहीं किया जाएगा। परवीन के अनुसार उन्हें इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच का भरोसा नहीं है इसलिए मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह खुदकुशी कर लेंगी। प्रतापगढ़ के नए एसपी एल आर कुमार ने कुंडा के इंस्पेक्टर समेत आठ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। कुंडा के कोतवाल सर्वेश मिश्रा और जियाउल हक के गनर इमरान पर निलंबन की गाज गिरी है। इसके अलावा एएसआई विनय कुमार पर भी कार्रवाई की गई है।
प्रतापगढ़ जिले में कुंडा से विधायक राजा भैया ने डीएसपी की हत्या को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। अखिलेश सरकार में मंत्री आजम खान ने कहा है कि डीएसपी के मर्डर से सरकार का सिर शर्म से झुक गया है। यूपी की पूर्व सीएम और बसपा प्रमुख मायावती ने केंद्र से दखल देने की मांग करते हुए कहा कि यूपी में गुंडों और माफियाओं का राज है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जगदम्बिका पाल ने कहा कि प्रदेश में जब पुलिस ही सुरक्षित नहीं है तो आम जनता की सुरक्षा की उम्मीद करना बेमानी है। इस मामले में सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और दोषी चाहे जो हो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
हालांकि, सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने राजा भैया का इस्तीफा मिलने की पुष्टि करते हुए कहा है कि विपक्ष की मांग पर सूबे में राष्ट्रपति शासन नहीं लगाया जाएगा। मुलायम ने कहा कि बीएसपी के शासन में भी कानून की धज्जियां उड़ी थीं।