भारतीय चयनकर्ताओं ने गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बाकी बचे दो टेस्ट मैचों के लिए टीम की घोषणा की. इसमें बड़ा फैसला करते हुए वीरू को टीम से निकाल दिया गया है. वीरेंदर सहवाग का बल्ला पिछले दो वर्षों से कुंद पड़ा है. सहवाग का बैटिंग औसत टेस्ट मैचों में महज 20 से ज्यादा रहा है और वो बेहद खराब फॉर्म में रहे हैं. इसके बावजूद सहवाग को चयनकर्ताओं ने कई मौके दिए लेकिन वीरू इसे भुना नहीं पाए. टेस्ट टीम से अभी बाहर निकाले जाने का मतलब है कि निकट भविष्य में उन्हें टीम में वापसी का मौका नहीं मिलेगा. भारत का अगला टेस्ट मुकाबला दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ है लेकिन इस सीरीज में अभी काफी समय बाकी है. इस बीच सहवाग के पास घरेलू क्रिकेट खेलने का मौका होगा और वो लय वापस पा गए तो फिर वापसी हो सकती है.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बाकी दो टेस्ट के बाद भारत को साल के आखिर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला से पहले कोई टेस्ट नहीं खेलना है. द्रविड़ ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि दक्षिण अफ्रीका जाने से पहले किसी दूसरे सलामी बल्लेबाज को घरेलू हालात में कम से कम दो टेस्ट खेलने का मौका दिया जाना चाहिये.’’
ऑस्टेलियाई बैटिंग लाइन अप पर फिरकी गेंदबाजों ने शिकंजा कसा है. अब तक चार में से सिर्फ एक पारी में कंगारू बल्लेबाज तीन सौ के आंकड़े को पार कर पाए हैं. लेकिन इसका ये मतलब कतई नहीं कि पूरी गेंदबाजी यूनिट बहुत उम्दा प्रदर्शन कर रही है. ईशांत शर्मा ने दो टेस्ट में सिर्फ एक विकेट लिया है. कई बार वो असरहीन दिखे हैं. क्या चयनकर्ता अब भी उन्हें मौका देना चाहते हैं. क्या चर्चा हरभजन की जगह को लेकर भी नहीं होगी. जो स्ट्राइक बॉलर से ज्यादा टीम के तीसरे स्पिनर के तौर पर ज्यादा दिखे हैं.