चांदीपुर (ओडिशा). चीन और पाकिस्तान जैसे बदनीयत पड़ोसियों को ठोस जवाब देने के लिए भारत ने एक बड़ी ताकत हासिल कर ली है। मंगलवार को भारत को अपना पहला क्रूज मिसाइल निर्भय मिल गया। निर्भय का परीक्षण मंगलवार को ओडिशा के चांदीपुर में किया गया। हालांकि, निर्भय के परीक्षण का नतीजा मिलाजुला रहा क्योंकि आधे रास्ते में ही जब मिसाइल ने अपना तय रास्ता बदल लिया तो इसकी उड़ान को खत्म करना पड़ा। मिसाइल का विकास करने वाले संगठन डीआरडीओ ने एक बयान जारी कर कहा है, ‘निर्भय का लिफ्ट तो बहुत अच्छा रहा। हालांकि, हम इसकी पूरा उड़ान क्षमता का परीक्षण नहीं कर पाए। फिर भी हमारा मिशन पूरा हुआ।’
क्रूज मिसाइल ‘निर्भय’ 700 किलोमीटर तक मार कर सकती है। इसका मतलब है कि अगर सीमा के नजदीक से ‘निर्भय’ को लॉन्च किया जाए तो पाकिस्तान का ज्यादातर हिस्सा इसकी जद में होगा। वहीं, भारत-चीन सीमा से इसे लॉन्च करने पर चीन का भी अहम हिस्सा ‘निर्भय’ के निशाने की जद में आ जाएगा।
पेड़ों की ऊंचाई पर भी उड़ेगा, निशाने के इर्द-गिर्द मंडराएगा
निर्भय कई खूबियों से लैस क्रूज मिसाइल है। यह पेड़ों की औसत ऊंचाई से धरती के समानांतर उड़ान भरने की भी क्षमता रखता है। साथ ही तय किए गए निशाने के इर्द गिर्द मंडराकर बिल्कुल सटीक ढंग से सही समय पर निशाना साधने की भी खासियत इस मिसाइल में है। निर्भय लॉन्च किए जाने के थोड़ी देर बाद अपने पंख खोलता है औऱ एक विमान की तरह उड़ने लगता है। कंट्रोल रूम से इसकी उड़ान को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। जरुरत के मुताबिक इसे उड़ान के दौरान ऊपर-नीचे, आगे-पीछे किया जा सकता है। इसकी डिजाइन इस तरह से की गई है कि दुश्मन के ‘रडार’ इसे पकड़ न सकें।